देश में अपनी तरह के पहले मामले में COVID-19 पीड़ित रहे मरीज की सफल कोरोनरी बाईपास सर्जरी (CORONARY BYPASS SURGERY) की गई. इस सर्जरी को हैदराबाद के प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन डॉ. प्रतीक भटनागर (Dr.Prateek Bhatnagar) और उनकी टीम ने अंजाम दिया.
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हैदराबाद: देश में अपनी तरह के पहले मामले में COVID-19 पीड़ित रहे मरीज की सफल कोरोनरी बाईपास सर्जरी (CORONARY BYPASS SURGERY) की गई. इस सर्जरी को हैदराबाद के प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन डॉ. प्रतीक भटनागर (Dr.Prateek Bhatnagar) और उनकी टीम ने अंजाम दिया. यह सफलता कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मरीज की उम्र 63 वर्ष है और उनका हाल ही में कोरोना का इलाज हुआ था.
हैदराबाद के करवन इलाके में रहने वाले मरीज को कोरोना संक्रमित होने के चलते अप्रैल में 21 दिनों के लिए गवर्नमेंट गांधी हॉस्पिटल (Govt Gandhi Hospital) में भर्ती कराया गया था. कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें दिल संबंधी शिकायतें होने लगीं, जिसके बाद डॉ. प्रतीक भटनागर और उनकी टीम ने मरीज की सफल कोरोनरी बाईपास सर्जरी को अंजाम दिया.
हैदराबाद के केयर अस्पताल के निदेशक, कार्डियक सर्जरी और मुख्य कार्डियक सर्जन डॉक्टर प्रतीक ने इस बारे में बताते हुए कहा, ‘हमें यकीन है कि यह COVID से रिकवर हुए मरीज की अपनी तरह की पहली कोरोनरी बाईपास सर्जरी है. हमारी मुख्य चिंता थी फेफड़ों का ठीक ढंग से कार्य करना. विशेष रूप से उन लोगों में, जिन्हें इस रोगी की तरह LRTI (लोअर रेस्पेरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) था, क्योंकि कोरोना से रिकवरी के बाद ऐसे रोगियों में कुछ परेशानियां देखने में आती हैं जैसे कि फुफ्फुसीय तंतुमयता (pulmonary fibrosis)’.
इस ट्रिपल बाईपास सर्जरी में बीटिंग हार्ट सर्जरी टेचिंक का इस्तेमाल किया गया. डॉक्टर प्रतीक के मुताबिक, बीटिंग हार्ट सर्जरी करके हार्ट लंग मशीन को उपयोग से बाहर रखा गया. जिसके चलते ‘पंप लंग्स’ के खतरे को दूर किया जा सका. जो इस तरह के उच्च जोखिम वाले रोगियों में देखने को मिलता है. इस धमनीय ग्राफ्टिंग के उपयोग से कई दीर्घकालिक लाभ भी मिलेंगे.
मरीज अफसर खान को लगभग एक साल से कोरोनरी धमनी और सीने में दर्द की शिकायत थी. नवंबर 2019 में उन्होंने सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी करवाई थी, जिसमें दिल की तीनों कोरोनरी धमनियों में ब्लॉक दिखाई दिए थे. अप्रैल अंत में COVID-19 के सफल उपचार के बाद, उनकी दिल संबंधी समस्या बढ़ती गई और वह अनस्टेबल एनजाइना से पीड़ित हो गए. जून में उन्होंने फिर से कोरोनरी एंजियोग्राफी करवाई, जिसमें बाईं मुख्य कोरोनरी धमनी में ब्लॉक, LAD कोरोनरी धमनी में 100% ब्लॉक, साथ ही दायीं कोरोनरी धमनी में टाइट ब्लॉक पाया गया.
जायज है ऐसी स्थिति में अफसर खान का ऑपरेशन करना बहुत बड़ा जोखिम था, लेकिन डॉक्टर प्रतीक और उनकी टीम ने यह जोखिम उठाया और सर्जरी को सफल बना दिया. अफसर खान के बेटे सैयद खान ने डॉक्टरों का धन्यवाद देते हुए कहा, ‘हम बेहद डरे हुए थे, क्योंकि उनकी उम्र और कोरोना के चलते स्थिति खराब हो सकती थी, लेकिन सबकुछ अच्छे से हो गया. सर्जरी के महज चार दिनों के भीतर ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई, वह सर्जरी से दूसरे दिन से ही सामान्य हैं’. इस सर्जरी को मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है.