नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुने जाने के बाद पुलवामा से पीडीपी के विधायक वहीद पारा ने प्रस्ताव पेश किया.
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Jammu Kashmir Assembly: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायक वहीद पारा ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ सोमवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया. इसके साथ ही वहीद पारा ने जम्मू-कश्मीर राज्य को मिले विशेष दर्जा फिर से बहाल करने की मांग. वहीद पारा के प्रस्ताव पेश करन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ.
अब्दुल रहीम राथर चुने गए विधानसभा अध्यक्ष
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुना गया. इसके बाद पुलवामा से पीडीपी के विधायक वहीद पारा ने प्रस्ताव पेश किया. पारा ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, 'जम्मू कश्मीर के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह सदन (जम्मू कश्मीर का) विशेष दर्जा समाप्त किए जाने का विरोध करता है.'
पारा ने स्पीकर की नियुक्ति का स्वागत करते हुए कहा, 'महोदय, मैं आपको सदन का स्पीकर चुने जाने पर बधाई देता हूं. हम आपके अनुभव से बहुत कुछ सीखेंगे. आज, मेरे पास अपनी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव है, जिसे मैं आपके सामने पेश करना चाहता हूं. प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई है.'
भाजपा ने दर्ज कराया विरोध
वहीद पारा के प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों ने विरोध जताया और सभी 28 विधायक इस कदम का विरोध करने के लिए खड़े हो गए. भाजपा विधायक श्याम लाल शर्मा ने पारा पर विधानसभा नियमों का उल्लंघन कर प्रस्ताव लाने का आरोप लगाया और इसके लिए उन्हें निलंबित करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने विरोध कर रहे सदस्यों से बार-बार अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया. हंगामे के बीच ही उन्होंने कहा कि प्रस्ताव अभी उनके पास नहीं आया है और जब आएगा, तब वे इसकी जांच करेंगे.
धारा 370 को लेकर जोरदार हंगामा
भाजपा सदस्यों के नहीं मानने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए नाराजगी जाहिर की. शोरगुल के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक शब्बीर कुल्ले सदन के बीचोंबीच आ गए. केंद्र ने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया था.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में PDP MLA का सरप्राइज
सदन के नेता और मुख्यमंत्री ने सदन को शांत रहने के लिए कहा और कहा कि हम सोच रहे थे कि सदन का कोई सदस्य इस तरह का प्रस्ताव लेकर आएगा, लेकिन आज पहला दिन है और सदन का कामकाज अलग है, आज हमारे पास इसके लिए कई दिन हैं.
महबूबा मुफ्ती ने की वाहिद पारा की तारीफ
इस बीच पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने एक्स पर लिखते हुए 370 पर प्रस्ताव लाने के लिए अपनी पार्टी के विधायक वाहिद पारा की सराहना की. उन्होंने लिखा, 'धारा 370 को हटाने का विरोध करने और विशेष दर्जा बहाल करने के संकल्प के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए वाहिद पारा पर गर्व है. गॉडब्लेस यू.'
Proud of Waheed Parra for introducing resolution in JK Assembly opposing the revocation of Article 370 and resolve to restore the special status God bless you
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 4, 2024
शेख अब्दुल्ला से उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में थे मंत्री
शेख अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट में मंत्री रह चुके 78 वर्षीय राथर को अध्यक्ष चुना गया. उनके चुनाव के तुरंत बाद सदन के नेता उमर अब्दुल्ला और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए और सदन को संबोधित करते हुए नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई दी.
एलजी मनोज सिन्हा ने विधानसभा को किया संबोधित
एलजी मनोज सिन्हा ने विधानसभा को संबोधित किया और लोगों के बेहतर और उज्ज्वल भविष्य के लिए निर्वाचित सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 6 साल के अंतराल के बाद पहली बार केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और निर्वाचित सरकार के साथ एक टीम के रूप में काम करेगी. श्रीनगर में विधानसभा को संबोधित करते हुए एलजी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें नवनिर्वाचित सरकार के सभी सदनों का समर्थन मिलेगा.
मनोज सिन्हा ने कहा, 'मेरी सरकार सदन के सभी सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में काम करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव पारित कर दिया है, जिसे मैंने भी मंजूरी दे दी है. यह केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की सामूहिक इच्छा और आकांक्षाओं को दर्शाता है.' उन्होंने आश्वासन दिया कि मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
मनोज सिन्हा ने आगे आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर के बेहतर भविष्य के लिए काम करेगी, जिसने 7 प्रतिशत की वार्षिक विकास दर हासिल की है उन्होंने कहा, 'हम रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी क्षेत्रों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा तथा केंद्र शासित प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित किया जाएगा.
(इनपट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)