Ram Mandir: मां बेहोश हो गई...पिता 'आंसू पीने लगे'...कोठारी बंधुओं के बलिदान की कहानी, बहन की जुबानी
Advertisement
trendingNow12064894

Ram Mandir: मां बेहोश हो गई...पिता 'आंसू पीने लगे'...कोठारी बंधुओं के बलिदान की कहानी, बहन की जुबानी

22 जनवरी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में जहां जोरशोर से तैयारी चल रही है. वहीं राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी एक खास घटना का जिक्र करेंगे. वो घटना 2 नवंबर 1990 को घटी थी जिसमें कोलकाता से अयोध्या आए दो कोठारी बंधु मुलायम सिंह यादव सरकार की गोली का शिकार बन गए थे. उस पूरी घटना के बारे में उनकी बहन पूर्णिमा कोठारी ने रुंधे गले से जो बताया उसे सुन आप भी भावुक हो जाएंगे.

Ram Mandir: मां बेहोश हो गई...पिता 'आंसू पीने लगे'...कोठारी बंधुओं के बलिदान की कहानी, बहन की जुबानी

Ram Kothari-Sharad Kothari News: 22 जनवरी 2024 को राम लला अपने बालरूप में भव्य मंदिर में विराजने वाले हैं. लेकिन यहां हम जिक्र करेंगे 33 साल पुरानी उस घटना की जिसमें कोलकाता से  अयोध्या आए दो भाइयों ने शहादत दी थी. नाम था राम कोठारी और शरद कोठारी. ये दोनों भाई राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे.आंखों में आंसू और कांपती आवाज में कोठारी बंधुओं की पूर्णिमा कोठारी ने उस साल को याद करते हुए बताती हैं कि भावुकता का क्षण है. भाइयों ने जो बलिदान दिया वो सार्थक हो रहा है. देखिए जो आए हैं वो सब जाएंगे. लेकिन उनका जाना. जो देश और समाज को संदेश दे कर गए हैं.उसका आज फलीफूत होना परिवार के लिए गर्व की बात है. उनके बलिदान के आज 33 साल हो गए हैं. प्रतीक्षा लंबी थी तो यह उनके लिए गर्व की बात है. लेकिन जब आप पूर्णिमा कोठारी की जुबां से पूरी बात सुनेंगे तो आपकी भी आंखें नम गो जाएंगी.

खबर कैसे लगी
पूर्णिमा कोठारी बताती हैं कि 2 नवंबर 1990 रात आठ बजे का वक्त था.  मामा घर पर आए. मामा को देख मां चौंक गईं ये क्यों आए हैं. दरअसल मामा यह देखने आए थे कि हम लोगों को कुछ जानकारी है या नहीं. जब उन्हें लगा कि हमें कुछ मालूम नहीं है तो वो चले गए. कुछ देर के बाद पिता जी आए. उनके चेहरे पर रुआंसी थीय यह देख मां ने पूछा कि आप ऐसे क्यों लग रहे हैं. उस सवार पर पिता जी ने कहा कि कुछ भी नहीं हुआ है. लेकिन मां को लग गया कि कुछ बात तो हुई है. अब देखिए मां तो मां होती हैं. उनका मन 2 नवंबर की सुबह से ही घबरा रहा था. पिता जी को तो पता चल चुका था कि उनके दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उन्होंने खुद को कैसे संभाला, संयमित रखा वो सोचकर आश्चर्य होता है. मां ने कहा कि पिता जी से कहा कि आप खाना खा लीजिए. करीब रात के ही 11 बजे कई लोग उनके घर आए जिनमें उनके मामा जी भी थे, मां ने इतनी भीड़ देख पूछा कि आखिर हुआ क्या है. मां को यह आभास हो चुका था कि कुछ अनहोनी हो गई है. मामा जी संयमित होकर बोले कि ऐसा पता चला कि अयोध्या में कुछ हुआ है, गोलियां चली हैं. दीदी आपको दिल पर पत्थर रखना होगा. यह सुन मां ने कहा साफ साफ बताओ कि क्या हुआ है. मामा ने कहा कि राम और शरद दोनों नहीं रहे, यह सुन मां बेहोश हो गई.

पूर्णिमा कोठारी बताती हैं कि उन्हें लगा कि घर में सिर्फ वो और उनकी मां ही थीं जिन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं थी. बाकी सभी को पता चल चुका था कि अब उनके भाई इस दुनिया में नहीं हैं. 2 नवंबर 1990 की वो रात बेहद भारी थी. रात बहुत मुश्किल से कटी. सुबह हम लोगों से कहा कि अयोध्या चलना है. आप एक मां-पिता के कष्ट को सिर्फ महसूस कर सकते हैं कि उन पर क्या बीती होगी. समय गुजरने के साथ हमने खुद को समझा लिया कि उनके भाइयों ने नेक और धार्मिक काम के लिए जान दी है और वो शहादत बेकार नहीं जाएगी.

अयोध्या जाने से पहले कोठारी भाइयों ने क्या कहा था

पूर्णिमा कोठारी बताती हैं कि अयोध्या जाने से पहले उनके भाइयो ने पिता जी कहा कि वो कारसेवा के लिए जाना चाहते हैं. पिता जी ने कहा कि बहन की शादी 13 दिसंबर को है. तुम लोग कैसे जा सकते हो. घर में इतने काम होंगे. वैसे भी हमने राम मंदिर आंदोलन के लिए आर्थिक सहयोग कर चुके हैं ऐसे में सशरीर अयोध्या जाने का क्या मतलब है. यह सुनकर भाइयों ने कहा कि पिता जी सबकुछ पैसा नहीं होता. राम मंदिर का काम बड़ा नेक काम है और इसके लिए हमें तन मन धन तीनों से सहयोग करना होगा. इस तरह से पिता जी को समझा कर दोनों भाई अयोध्या के लिए निकल पड़े थे.

2 नवंबर को अयोध्या में चली थी गोली

2 नवंबर 1990 को अयोध्या में कारसेवकों का हुजूम उमड़ पड़ा था. यूपी में उस समय मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. मुलायम सरकार ने फैसला कर लिया था कि वो कारसेवकों को विवादित ढांचे की तरफ नहीं बढ़ने देंगे. लेकिन कारसेवकों का उत्साह चरम पर था. अयोध्या में क्या कुछ हो रहा है उसकी जानकारी पल पल लखनऊ दी जा रही थी. तभी कुछ ऐसा हुआ कि हनुमान गढ़ी के पास कारसेवकों पर गोलियां बरसने लगीं. पुलिसिया एक्शन में दो भाई मारे गए और पहचान राम कोठारी और शरद कोठारी के तौर पर हुई. जिस समय इन दोनों कोठारी बंधुओं की गोली लगी उस समय राम कोठारी 20 साल और शरद कोठारी 23 साल के थे. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news