Armed Forces VeteransDay 2025: वायुसेना अध्यक्ष चीफ ऑफ एयर स्टाफ अमर प्रीत सिंह (Amar Preet Singh) ने कहा, 'हम जहां हैं, आप लोगों के समर्पण, त्याग और बलिदान की वजह से है. इसलिए सिर्फ एयरफोर्स नहीं बल्कि तीनों सेनाओं की ओर आश्वस्त कर सकता हूं कि हम कभी आपको झुकने नहीं देंगे.'
Trending Photos
Air Chief Marshal Amar Preet Singh Video: आर्मी वेटरंस डे के मौके पर एयर चीफ मार्शल (Air Chief Marshal Amar Preet Singh) यानी वायुसेना अध्यक्ष अमर प्रीत सिंह ने शानदार स्पीच देकर समां बांध दिया. चीफ ऑफ एयर स्टाफ Chief of the Air Staff यानी CAS ने अपने भाषण की शुरुआत सेना और नौसेना के संबोधन को कोट करते हुए की. हल्के फु्ल्के अंदाज में अपना भाषण शुरू करते हुए कहा, 'जिस मुकाम पर हम आ चुके हैं. वो आपके विजन, समर्पण और मेहनत और कुर्बानियों का नतीजा है कि हम यहां आपके सामने खड़े हैं. आर्मी का संबोधन हिंदी में हुआ, नेवी का इंग्लिश में यहां हम दोनों (हिंदी और इंग्लिश) को मिलाकर चलेंगे. यानी जब भी दोनों (आर्मी और नेवी) को जरूरत होगी, हम उनके पास तैयार मिलेंगे.
हम जहां खड़े हैं आपकी वजह से: एयर चीफ मार्शल
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, 'देश को सेना पर नाज है. हम जहां हैं, आप लोगों के समर्पण, त्याग और बलिदान की वजह से है. इसलिए सिर्फ एयरफोर्स की तरफ से नहीं बल्कि तीनों सेनाओं की ओर आश्वस्त कर सकता हूं कि हम कभी आपको झुकने नहीं देंगे. हम आपको कभी इस बात पर शर्मिंदगी न महसूस होने देंगे कि हमने किसे आगे बढ़ाया, हमने किन्हें मार्क्स दिया, ये क्या कर रहे हैं? आर्मी हेडक्वार्टर हो, नेवी हेडक्वार्टर हो या एयरफोर्स हर जगह जो भी लीड बैठे हैं, सब आपके द्वारा चुने हुए हैं. अगर आप किसी बात से हमारे एक्शन से नाराज होते हैं, छुब्ध होते हैं तो प्लीज सीधे आगे आएं, सीधे हमारे पास आएं अपनी बात कहें'.
ये भी पढ़ें- दाढ़ी बढ़ाकर आतंकियों के कैंप में चला गया वो मेजर, देश को याद है एक बहादुर ऐसा भी था
स्पर्श की अहमियत
चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने कहा कि हम स्पर्श के जरिए आपकी हर समस्या का समाधान चुटकियों में करेंगे. मोबाइल पर एप के जरिए काम हो जाएगा. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. स्पर्श के माध्यम से हम जो करेंगे. उसमें समय लग रहा है. कुछ चुनौतियां हैं, इस देरी की वजह हमारी कोई कमी हो सकती है, लेकिन यकीन मानिए सही दिशा में काम चल रहा है. जब काम पूरा होगा करप्शन नहीं होगा. चीजें समय से पह होंगी, जिन कामों में टाइम लगता है वो और कम समय में होगा. इसे मैं आपको रेलवे का उदाहरण देकर समझाता हूं.
रेलवे की मिसाल भाई कंप्यूटर पर बैठे हैं देर तो लगेगी...
एसीएस ने कहा जब दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे का जब कंप्यूटरीकरण हो रहा था. तब रेलवे में लोगों को कंप्यूटर चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. महीनों का वक्त लगा था. एक उदाहरण देता हूं आपको मैंने कल ही एक साथी से इसका जिक्र किया था. लोग रिजर्वेशन कराने गए थे. कंप्यूटर से डिटेल भरने में वक्त लग रहा था. लोग गुस्साए तो बाबू ने कहा, ' पेन से लिखकर कोई पर्ची फाड़कर थोड़ी देनी है जो झट से हो जाएगा...'
तो स्पर्श के काम में हमें भी टाइम लग रहा है. कंप्यूटर्स में लोग बैठे हैं वो शायद उतने ट्रेंड नहीं है. उम्मीद है हम सही दिशा में जा रहे हैं. हम आश्वस्त करते हैं कि चीजों में काफी सुधार हुआ है, खासकर उस हर काम में जो आप लोगों से संबंधित हैं. काफी कुछ कहा जा चुका है. हर एयरफोर्स स्टेशन के पास हमने एक स्पर्श सेंटर खोला है. हॉस्पिटल बन रहे हैं. आपको कहीं परेशान होने की जरूरत नहीं है, हमने सिस्टम बनाया है, हेल्थ की बात करें तो सब ओल्ड एज की ओर बढ रहे हैं. इसलिए आश्वस्त करेंगे कि बेस्ट समाधान तुरंत आपके नजदीक मिलेगा, इस दिशा में काम हो रहा है.
लेडीज कभी ओल्ड नहीं होतीं...
एसीएस ने कहा, 'हेल्थ सिस्टम डेवलप कर रहे हैं वो बेस्ट होगा खासकर आप सबके लिए जैसा मैंने बोला हम सब ओल्ड हो रहे हैं... एयर चीफ मार्शल इतना कहकर एक पल के लिए रुके और मुस्कुराते हुए बोले कि ओल्ड एज की ओर बढ़ने की बात सबके लिए नहीं हैं. यहां महिलाओं को छोड़कर सब मुझसे सीनियर हैं, सामने तमाम महिलाएं बैठी हैं और महिलाओं की उम्र नहीं बढ़ती... लेडीज तो कभी ओल्ड नहीं होतीं.'
What a fabulous speech by Chief of Air Staff @IAF_MCC while addressing the 9th Armed Forces #VeteransDay2025 Celebrations in Delhi.
Inspiring and instills Confidence— ravinder bhandari (@payyaboy) January 16, 2025
इसके बाद उनके सामने बैठे वेटरंस ठहाके लगाकर हंसने लगे.
सीधे हमसे मिलें: ACS
वायुसेना अध्यक्ष ने संवाद बढ़ाते हुए एक और मिसाल देते हुए कहा, 'देखिए जब किसी पर्सप्रेक्टिव को बाहर से देखते हैं तो उसमें कुछ कमियां या अच्छी चीज दिखती है. दूसरी ओर मान लीजिए उसी काम को हम कर रहे हैं, तो उसे अंदर से देख रहे हैं. इसलिए चीफ या वाइस चीफ या उनसे नीचे कोई अफसर सही काम नहीं कर रहे हैं तो आप बताइए. आप हमेशा हमारे साथ रहेंगे. हमें आप सबका आशीर्वाद हमेशा चाहिए. हम फैमिली हैं इसलिए सीधे बात कीजिए. जैसे हमें वाइफ, बेटे, भाई या किसी रिश्तेदार की बात अच्छी नहीं लगती तो हम उसे बाहर पड़ोसियों के सामने नहीं टोकते, क्योंकि इससे उसकी वैल्यू नहीं रह जाती है. इसलिए हम आपको कभी ये अहसास न होने देंगे कि हम आपकी बात नहीं सुन रहे. हमारा आग्रह है कि जब कुछ सही न लगे तो सीधे आइए, बिना किसी हिचकिचाहट के. बात कीजिए हमें समझाइए ताकि किसी को आर्मी फैमिली के बारे में कुछ कहने का मौका न मिले.'