MP Deputy CM History: मध्य प्रदेश में ऐसा रहा है डिप्टी CM का इतिहास, क्या BJP बदलेगी कांग्रेस वाला रिवाज
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MP Deputy CM History: मध्य प्रदेश में ऐसा रहा है डिप्टी CM का इतिहास, क्या BJP बदलेगी कांग्रेस वाला रिवाज

Madhya Pradesh Deputy CM History: मध्य प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में उपमुख्यमंत्री का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है. खास बात यह है कि इस बार बीजेपी कांग्रेस वाला रिवाज बदल सकती है. 

चार नेता बन चुके हैं मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम

Next CM of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में जितनी चर्चा मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही है. उतनी ही चर्चा इस बार डिप्टी सीएम यानि उपमुख्यमंत्री पद के लिए भी चल रही है. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में नए सीएम के ऐलान के साथ यह घोषणा भी कर दी थी कि इस बार प्रदेश में डिप्टी सीएम का पद भी होगा. ऐसे में मध्य प्रदेश में भी यह फॉर्मूला लागू होना तय माना जा रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति में उपमुख्यमंत्री पद का इतिहास बड़ा दिलचस्प रहा है. अब तक प्रदेश में केवल चार डिप्टी सीएम हुए हैं जिनमें तीन कांग्रेस के शासनकाल में रहे हैं. खास बात यह है कि अगर बीजेपी डिप्टी सीएम बनाती है तो एक रिवाज भी बदला जा सकता है. 

मालवा-निमाड़ से मिले चार डिप्टी सीएम 

दरअसल, मध्य प्रदेश में अब तक जो चार डिप्टी सीएम बने हैं वह चारों के चार मालवा-निमाड़ अंचल से आए हैं. कांग्रेस ने अब तक सुभाष यादव, जमुना देवी और शिवभानु सिंह सोलंकी को डिप्टी सीएम बनाया था, जबकि संविद सरकार में वीरेंद्र कुमार सकलेचा डिप्टी सीएम बने थे. ये चारों नेता मालवा-निमाड़ से आते थे. लेकिन बीजेपी में जो नेता डिप्टी सीएम की रेस में बने हैं, वह दूसरे अंचलों से आते हैं. ऐसे में बीजेपी अगर डिप्टी सीएम का फॉर्मूला लागू करती है तो यह रिवाज भी बदल सकती है. 

क्या हो सकता है बीजेपी का फॉर्मूला 

राजनीतिक जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश में बीजेपी दो डिप्टी सीएम बना सकती है. क्योंकि पार्टी जातिगत समीकरणों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव पर भी नजर रख रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी किसी महिला विधायक को भी डिप्टी सीएम बना सकती है. इसके अलावा अगर पार्टी ओबीसी वर्ग के नेता को ही सीएम बनाती है तो फिर आदिवासी और सर्वण वर्ग से डिप्टी सीएम आ सकते हैं. बीजेपी के लिए 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 29 सीटें अहम मानी जा रही हैं. ऐसे में पार्टी इन्हीं में से किसी एक फॉर्मूले पर जा सकती है. 

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पहले डिप्टी सीएम वीरेंद्र कुमार सकलेचा 

वीरेंद्र कुमार सकलेचा मध्य प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम बने थे. उन्हें गोविंद नारायण सिंह की संविद सरकार में यह पद दिया गया था. 1967 में उन्होंने डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाली थी. सकलेचा जनसंघ के कद्दावर नेता था. उनके बेटे ओमप्रकाश सकलेचा इस बार भी जावद विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. 

शिवभानुसिंह सोलंकी दूसरे डिप्टी सीएम 

कांग्रेस ने पहली बार शिवभानुसिंह सोलंकी को डिप्टी सीएम बनाया. आदिवासी वर्ग से आने वाले सोलंकी दिग्विजय सिंह की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे. वह 1993 में मुख्यमंत्री पद की रेस भी शामिल थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया था. 

जमुना देवी देश की पहली महिला उपमुख्यमंत्री 

मध्य प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में अब तक केवल ही एक महिला उपमुख्यमंत्री हुई हैं जमुना देवी. खास बात यह है कि जमुना देवी एमपी की नहीं बल्कि पूरे देश में पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनी थी, जिन्हें प्रदेश में बुआजी कहकर बुलाया जाता था. 1998 में उन्हें दिग्विजय सिंह की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. उनके भतीजे उमंग सिंघार चौथी बार विधायक बने हैं, जिन्हें नेताप्रतिपक्ष के पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. 

सुभाष यादव 

कांग्रेस के कद्दावर नेता सुभाष यादव भी मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. यादव निमाड़ अंचल से आते थे, उन्हें भी दिग्विजय सिंह सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया था. उनके बेटे सचिन यादव कसरावद विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. जबकि उनके बड़े अरुण यादव भी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं. 

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