जंगल में कार से मिले 52 किलो सोने और 10 करोड़ कैश केस में सिंधिया की एंट्री, दिग्गी ने लगाए गंभीर आरोप
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जंगल में कार से मिले 52 किलो सोने और 10 करोड़ कैश केस में सिंधिया की एंट्री, दिग्गी ने लगाए गंभीर आरोप

Madhya Pradesh News: भोपाल में RTO के करोड़पति पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस में अब सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाया. सिंह ने कहा कि सिंधिया ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर अपने करीबी मंत्री को परिवहन मंत्रालय देने का दबाव बनाया था. 

जंगल में कार से मिले 52 किलो सोने और 10 करोड़ कैश केस में सिंधिया की एंट्री, दिग्गी ने लगाए गंभीर आरोप

MP News: मध्य प्रदेश में RTO के करोड़पति पूर्व आरक्षक पर मिली अकूत संपति के मामले में सियासत गरमा गई है. मामले में कांग्रेस भाजपा नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रही है. अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सिंह ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा, 'आज तक भ्रष्टाचार का इतना बड़ा मामला कभी नहीं देखा. जंगल में एक कार में 52 किलो सोना, 10 करोड़ नकद मिला.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'अब ये बात समाने आ रही है परिवहन विभाग के अंदर किस तरह से चेक पोस्ट की नीलामी हो रही थी. एक कटर सौरभ शर्मा का नाम समाने आया है. मेरे पास जो सूचनाएं आ रही हैं कि पुलिस प्रशासन ने इसे दबाने का पूरा प्रयास किया. हालांकि लोकायुक्त और पुलिस की कारवाई के बीच आयकर विभाग नहीं आता तो शायद कार्रवाई नहीं होती.' 

सिंधिया पर लगाए गंभीर आरोप
दिग्विजय सिंह ने कहा,' जब कमलनाथ जी की सरकार बनी थी. तब उन पर बड़ा दबाव था कि राजस्व और परिवहन गोविंद सिंह को दिया जाए. ये दवाब सिंधिया जी का था, अब क्यों था ये सिंधिया बतायेंगे. मेरे पास जो जानकारी समाने आई है इसमें चार लोग शामिल थे. इसमे संजय श्रीवास्तव, ऑर्डर करवाते थे, RTI वीरेश , दशरथ सिंह पटेल और सौरभ शर्मा वसूली करते थे.' सिंह ने मांग की कि इनकी गिरफ्तारी कर मनी ट्रेल का मामल दर्ज करना चाहिए. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस होना चाहिए. 

खत्म कर दिया था नियुक्ति बोर्ड: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, ' पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर दबाव था परिवहन गोविंद राजपूत को दिया जाए. नियुक्ति के लिये कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था. बोर्ड के जरिये नियुक्ति होती थी. सरकार गिरने पर कमलनाथ द्वारा गठित बोर्ड को खत्म करवा दिया गया. नाके की फिर बोली लगती थी जो ज्यादा बोली लगाता था उसे मिलता था. फिर सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बाटता था.'  

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