कोरबा जिले में स्व सहायता समूह की एक महिला ने समूह की ही महिलाओं से विश्वासघात कर दिया. महिला ने समूह की महिलाओं के नाम से अलग-अलग लोन करा दिया, जिसके बाद उसने बीमारी का बहाना बनाकर महिलाओं से पैसा मांग लिया. महिला ने कुछ दिन तक लोन भरा, उसके बाद समूह की महिलाओं का 40 लाख रुपए लेकर फरार हो गई.
Trending Photos
नीलम पड़वार/कोरबा: कोरबा जिले के में स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ विश्वासघात करने का मामला सामने आया है. जहां एक महिला ने बीमारी का बहाना बनाकर 40 लाख रुपए समूह से ली और फरार हो गई. स्व सहायता समूह की महिलाएं आरोपी महिला के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल कटघोरा क्षेत्र के ग्राम डुग्गूपारा जुराली की महिला स्व सहायता समूह से जुड़े महिलाओं के साथ उनकी ही एक साथी ने अपने पति के साथ साजिश रचकर समूह की महिलाओं के नाम अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस से लिए गए 40 लाख रुपये को बीमारी का बहाना बनाकर अपने पास रख ली. महिला ने किस्त जमा करने के बजाए फरार हो गई. अब माइक्रो फाइनेंस कंपनी के रिकवरी वाले कर्मचारी स्व सहायता समूह की महिलाओं को किस्त भरने के लिए तंग कर रहे है. कुछ महीने घर के जेवरात और नकदी रकम से किस्त पटाने वाली महिलाऐं जब घर की बदहाल माली हालत से तंग आ गई तो फरार महिला के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची और आरोपी पर कानूनी कार्रवाई समेत अपने लोन को माफ कराने की गुजारिश की. पुलिस अधीक्षक ने भी जांच कर कार्यवाई का आश्वासन समूह की महिलाओं को दिया.
समूह की महिलाओं के नाम कराया लोन
आपको बता दें कि कटघोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत डुग्गुपारा जुराली की रहने वाली बसंती पटेल ने गांव की महिलाओं को यह कहकर समूह का निर्माण किया की बैंकों से कर्ज लेकर छोटे-मोटे व्यवसाय करेंगे, जिससे आय होगा. अर्जित आय के पैसों से बैंक का किस्त पट जाएगा और बचे पैसे हमारे होंगे, जिससे हम आर्थिक रूप से मज़बूत हो जाएंगे. बसंती पटेल की बातों में आकर महिलाओं ने जुराली घाट महिला स्व सहायता समूह बनाया. समूह में 40 से भी अधिक महिलाएं शामिल है. समूह बन जाने के बाद बसंती पटेल ने समूह के नाम लोन न लेकर महिला सदस्यों के व्यग्तिगत नाम से अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस से लोन पास कराया. ये सब बसंती पटेल और उसके पति चतुर पटेल के ही माध्यम से हुआ.
पति के साथ मिलकर रचा साजिश
जब लोन पास हो गया और महिलाओं को राशि का भुगतान हो गया तब बसंती पटेल ने अपने पति के साथ मिलकर षण रचा और महिलाओं के विश्वास का फायदा उठाते हुवे अपनी और अपनी बेटी का इलाज का बहाना बनाते हुवे कई महिलाओं से उनके लोन के पैसे ले लिए. वहीं कई महिलाओं को जमीन लेने में पैसा कम पड़ने का बहाना बनाते हुवे उनके लोन से मिले पैसे ले लिए. बसंती पटेल ने सबको विश्वास दिलाया की उसके पास रकम आते ही सबका पैसा वापस लौटा देगी साथ ही फाइनेंस कंपनियों के किस्त का भुगतान भी वही करेगी.
महिलाओं ने झांसे में आकर दे दिया पैसा
गांव की भोली-भाली महिलाएं षड्यंत्रकारी बसंती पटेल के झांसे में आ गयी और लोन से मिले पैसे बसंती को दे दिए. इस तरह बसंती पटेल ने लगभग 40 लाख रूपए महिला समूह से इकठ्ठा की. कुछ महीने तक बसंती पटेल ने लोन का किस्त पटाया. उसके बाद उसने किस्त पटाना बंद कर दिया. जब लोन का किस्त नहीं पटाया गया तो फाइनेंस कंपनी के रिकवरी ऑफिसरों ने समूह की महिलाओं के घर धमकी-चमकी देना शुरू किया. जब बसंती पटेल द्वारा किस्त नहीं पटाने की सूचना गांव की महिलाओं को हुई तो वे इकट्ठा होकर बसंती पटेल के घर गई. समूह की महिलाओं को एक साथ आया देख बसंती पटेल ने फिर बहाना किया और अपनी मजबूरी बताते किस्त को पटाने का आश्वासन दिया. लेकिन षड्यंत्रकारी बसंती पटेल ने किस्त नहीं पटाया उल्टा गांव से फरार हो गई.
जेवर बेंच कर चुकाई किस्त
बसंती पटेल के फरार होने के बाद गांव की महिलाओं की रही सही उम्मीद भी खत्म हो गई. इस बीच फाइनेंस कंपनी के रिकवरी ऑफिसर लोन की किस्त पटाने के लिए लगातार गांव की महिलाओं पर दबाव बनाने लगे हैं. वे सुबह से ही गांव पहुंचकर महिलाओं को किसी भी तरह किस्त पटाने के लिए तंग करने लगे. रिकवरी ऑफिसरों की दबंगई से डरी-सहमी महिलाओं ने घर में रखे जमा पूंजी से किस्त का भुगतान किया तो कुछ ने अपने जेवरात बेचें और लोन की किस्त का भुगतान किया.अब महिलाओं के पास क़िस्त पटाने के लिए घर में कोई भी जमा पूंजी नहीं बची है. लेकिन फाइनेंस कंपनी के रिकवरी ऑफिसर अभी भी उनसे क़िस्त को पटाने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं. जिससे महिलाओं के घर में पारिवारिक कलह शुरू हो गई है. कई महिलाओं को उनके पति तंग कर रहे हैं कि घर की यह बदहाल माली हालत तुम्हारे कारण हुई है.
पुलिस अधीक्षक ने दिया जांच का भरोसा
जब सब तरफ से महिलाओं की आस खत्म हो गई तो उन्होंने कटघोरा थाने का रुख किया. महिलाओं की माने तो वहां भी थाना प्रभारी ने फाइनेंस कंपनी के लोन की किस्त किसी भी हाल में भरने पर जोर दिया. जब थाने से भी बात नहीं बनी तो थक हार कर महिलाओं ने कोरबा पुलिस अधीक्षक की शरण ली और उनसे मिलकर बसंती पटेल की शिकायत करते हुवे उनसे बैंको के ऋण से छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई. महिलाओं की दयनीय स्थिति को देखते हुए कोरबा पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने भी जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.
ये भी पढ़ेंः नशे में मेडिकल छात्रों ने CSP के साथ की बदसलूकी, पुलिस ने मार दी Boys Hostel में रेड