CG Tourism: आज हम आपको छत्तीसगढ़ की वादियों में बसी एक ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में बताने जा रहे जो न सिर्फ कहानियों में प्रसिद्ध है बल्कि धरती पर स्वर्ग के होने का एहसास दिलाती है. कहते हैं कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वो कश्मीर में है लेकिन छत्तीसगढ़ की ये जगह आपको दोबारा सोचने पर मजबूर कर देगी. कोरबा जिला के मकैल पर्वत की सबसे ऊंची चोटियों में से एक चैतुरगढ़ को "छत्तीसगढ़ का कश्मीर" कहा जाता है यानी धरती पर एक नहीं दो जगहों पर स्वर्ग बसा हुआ है.
छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला अपने आप में बहुत खास है. यहां घूमने की इतनी सारी जगहें हैं कि आप गिनते- गिनते थक जाएंगे. इन्ही जगहों में से एक है चैतुरगढ़, जो अपने खूबसूरती की वजह से एक स्पेशल नाम से जाना जाता है और वो है "छत्तीसगढ़ का कश्मीर" .
चैतुरगढ़ में टूरिस्ट के आनंद के लिए क्या नहीं है! झरने से लेकर हरियाली, गुफा , मंदिर , पहाड़ वो हर चीज जो एक टूरिस्ट को पसंद आ सकती..सबकुछ है यहां. इसलिए कोरबा जिला में स्थित इस जगह को टूरिस्ट के लिए परफेक्ट लोकेशन माना जाता है.
चैतुरगढ़ की खास बात तो ये है कि यहां तापमान 30 डिग्री से उपर नहीं जाता है मतलब की ये जगह पिकनिक से लेकर वेकेशन मनाने के लिए तो बेस्ट है.
जिन लोगों को ट्रैकिंग का शौक है वे चैतुरगढ़ के फेमस चैतुरगढ़ किला तक जा सकते हैं. किला तक पहुंचने का रास्ता उबड़ खाबड़ होने की वजह से आम लोगों को थोड़ा सावधान होने को कहा जाता है. 5 वर्ग में फैला ये किला इतने ऊंचाई पर है कि आपको हैरानी होगी, लेकिन इतनी ऊंचाई से दिखता चैतुरगढ़ की व्यू कमाल का होता है.
इस किले से जब आप और उपर चढ़ेंगे तो आपको मां महिषासुर मर्दिनी के दर्शन होंगे. कहा जाता कि अगर आप मंदिर में स्थापित मां की प्रतीमा को एकटक निहारते हैं तो आपको मां की पलके झपकते हुए दिखाई देंगी. मंदिर में काल भैरव, हनुमान जी और शनिदेव की प्रतीमा भी रखी हुई है जिनके आप दर्शन कर सकते हैं.
मंदिर से 3 किलोमिटर की दूरी पर शंकर खोल गुफा है जहां सैलानी अक्सर लंबी चढ़ाई के बाद विश्राम करते दिखते हैं. गुफा के द्वार से निकलते वक्त पहाड़ी से रिसता हुआ पानी बहुत खास है. पानी की बूंदे न सिर्फ लोगों को तरोताजा करती है बल्कि सैलानी इस साफ पानी को अपने साथ बोतल में भर के ले जाते हैं.
किला, मंदिर, गुफा के बाद चैतुरगढ़ में स्थित तीन झरने यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं. चामादरहा, तिनधारी और श्रेंगी झरनों को देकने के बाद आप आपनी चैतुरगढ़ की यात्रा को समाप्त कर सकते हैं.
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