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Famous Temple: MP में है मां भगवती का ऐसा मंदिर, जहां आज भी रात को होता है चमत्कार; जानिए

MP Famous Temple: वैसे तो मां दुर्गा के लगभग सभी मंदिर ऊंचे पर्वत पर विराजमान है. जो अपने चमत्कारों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है लेकिन आज हम आपको मां शारदा मंदिर की ऐसी चमत्कारी घटना बताने जा रहे हैं, जहां आज भी हर रात को चमत्कारी घटना देखने को मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का कपाट बंद होने के बाद यहां आल्हा उदल आकर मां की पूजा करते हैं. आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की चमत्कारी घटना...

त्रिकुट पर्वत पर विराजमान है मंदिर

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त्रिकुट पर्वत पर विराजमान है मंदिर

दरअसल,  हम आपको मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित मां शारदा मंदिर की. यह मंदिर त्रिकूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर बना है.  अपने चमत्कारों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां दर्शन पूजन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. 

 

दुनिया का इकलौता शारदा मंदिर

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दुनिया का इकलौता शारदा मंदिर

इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यह दुनिया का इकलौता शारदा मंदिर है. पहाड़ियों के बीच में स्थित यह मंदिर मैहर माता के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पर मां शारदा के दर्शन करने के लिए 1063 सिढ़ियां चढ़नी पड़ती है. हालांकि आप चाहे तो रोपवे से भी जा सकते हैं. 

नहीं रुकता रात में कोई

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नहीं रुकता रात में कोई

स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर में रात के वक्त कोई नहीं रुकता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग यहां रात को अगर गलती से भी रुक गए तो उनकी मृत्यु हो जाती है.

 

आला उदल ने की थी मंदिर की खोज

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आला उदल ने की थी मंदिर की खोज

स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर की खोज आल्हा और उदल ने की थी. इस मंदिर में दर्शन के लिए हमेशा भक्तों का तांता लगा रहा है.

 

रात को होता है चमत्कार

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रात को होता है चमत्कार

इस मंदिर में रात को रोज रात को बंद कर दिया जाता है. अगले दिन सुबह जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो यहां पहले से पूजा हुआ रहता है. पूरा मंदिर परिसर साफ मिलता है और मां के ऊपर चढ़े हुए फूल भी ताजे मिलते हैं. ऐसा मानों जैसे कोई पूजा करके गया हो. जिसे भक्त चमत्कार मानते हैं. 

जानिए मान्यता

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जानिए मान्यता

ऐसी मान्यता है कि मां शारदा के इस मंदिर में रोज सुबह सबसे पहले आल्हा और उदल करते हैं उसके बाद ही कोई और करता है. बताया जाता है कि मंदिर का कपाट खुलने से पहले आल्हा और उदल माता की पूजा करके चले जाते हैं.

 

इन देवी-देवताओं की भी होती है पूजा

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इन देवी-देवताओं की भी होती है पूजा

इस मंदिर को 52 शक्तिपीठों में एक माना जाता है. मां शारदा के इस मंदिर मेंकाल भैरवी, भगवान हनुमान, काली मां, गौरी शंकर, ब्रह्मदेव, फूलमती माता के अलावा अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है.