MP News: मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत पर 2016 में हुए एक गुमशुदा व्यक्ति के मामले में आरोप लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, और राजपूत ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. उन्होंने अपने खिलाफ "निराधार झूठा प्रचार" करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
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MP Politics: मध्यप्रदेश के कद्दावर नेताओं में शामिल मोहन सरकार में खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत के तेवर इन दिनों तीखे हैं और वे अपने खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त दिखाई दे रहे हैं. मंत्री राजपूत ने ऐसे लोगों के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात कही है. दरअसल, बीते दिनों सागर जिले के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक एसआईटी का गठन करने के आदेश के बाद सूबे की सियासत में उबाल आया है और विपक्षी गोविंद राजपूत को घेरने में जुटे हैं और उनसे इस्तीफे की मांग के साथ सीएम से उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
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जानिए पूरा मामला?
पूरा मामला कुछ इस तरह से है कि साल 2016 में सागर शहर के रहने वाले मानसिंह पटेल लापता हो गए और पटेल का आजतक कोई पता नहीं है. तत्कालीन समय में मंत्री गोविंद राजपूत और उनके परिवार पर मानसिंह की जमीन हथियाने और मानसिंह को लापता करने के आरोप लगे थे. 2016 से लगातार मामला चल रहा है, लेकिन गोविंद राजपूत और उनके परिवार के किसी सदस्य पर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ और मानसिंह भी नहीं मिले. इस मामले में सियासत और आरोप-प्रत्यारोप होते रहे, मानसिंह के पक्ष द्वारा भी अलग-अलग प्लेटफार्म पर कानूनी कार्रवाई होती रही. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक आदेश पारित करते हुए एक एसआईटी का गठन किया और इस टीम को मानसिंह को खोजने का काम सौंपा गया है. कोर्ट ने मानसिंह की गुमशुदगी के मामले की जांच और दोषियों को चिन्हित करने का आदेश भी दिया है. खास बात ये है कि इस एसआईटी में एमपी का कोई भी अधिकारी नहीं रहेगा, बल्कि दूसरे राज्यों के अधिकारी इस टीम में होंगे और आईजी स्तर के अधिकारी इसके प्रमुख होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीति में उबाल
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सूबे की राजनीति में उबाल आया और पिछले दिनों सागर के शाहपुर में दीवार हादसे के पीड़ितों से मिलने पहुंचे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस फैसले का जिक्र करते हुए मंत्री गोविंद राजपूत को कटघरे में खड़ा किया. पटवारी ने अपने बयान में कहा कि देश के सबसे बड़े कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ एसआईटी बनाई है और राज्य सरकार के अफसरों पर भरोसा नहीं किया और ऐसे में मंत्री राजपूत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.
जीतू पटवारी ने मुख्य मंत्री मोहन यादव से मंत्री राजपूत को हटाने की मांग भी की. इसके अलावा कई अखबारों ने भी मंत्री राजपूत के खिलाफ कांग्रेस नेताओ के बयानों का हवाला देकर खबरे प्रकाशित की. कई दिन बीत जाने के बाद अब मंत्री राजपूत ने अपना पक्ष रखा है. राजपूत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहीं भी उनका या उनके परिवार का जिक्र नहीं किया है. एसआईटी बनाई है जिसका वो स्वागत करते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिले इसके पक्ष में वो हैं. मंत्री पर हो रहे लगातार हमलों को पर राजपूत ने साफ किया है कि अनर्गल झूठा प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ वो कोर्ट में जायंगे.
रिपोर्ट:महेंद्र दुबे (सागर)