Ratlam: कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध मदरसा, UP-MP और राजस्थान के बच्चों को दी जाती मजहबी तालीम
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2629166

Ratlam: कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध मदरसा, UP-MP और राजस्थान के बच्चों को दी जाती मजहबी तालीम

Illegal Madrasa in Ratlam: रतलाम में आता-ऐ-रसूल नाम का मदरसा कब्रिस्तान की जमीन पर संचालित हो रहा है. इस मदरसे की मान्यता दो साल पहले की समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद इस अवैध मदरसे में यूपी, एमपी और राजस्थान के बच्चों को मजहबी तालीम दी जाती है.

इमेज सोर्स- सोशल मीडिया

Illegal Madrasa in MP: मध्य प्रदेश के रतलाम में जावार के पास आता-ऐ-रसूल नाम का मदरसा अवैध रूप से संचालित हो रहा है. इस मदरसे में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बच्चों को मजहबी शिक्षा दी जाती थी. मध्य प्रदेश बाल सरंक्षण आयोग जब इस मदरसे की निरीक्षण किया तो बता चला कि यह मदरसा कब्रिस्तान की जमीन पर बना है. इस मदरसे की मान्यता दो साल पहले की खत्म हो चुकी है. 

कुरान पढ़ने से नसीब होगी जन्नत...
मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग रतलाम में जावरा के पास उमठ पालिया गांव में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसे की जांच की है. जांच में पता चला कि यहां एमपी, यूपी और राजस्थान के करीब 77 बच्चों को मजहबी शिक्षा दी जाती थी. जांच के दौरान जब बाल संरक्षण की टीम ने जब बच्चों से बातचीत की तो उनका कहना था कि कुरान पढ़ने से जन्नत नसीब होगी, स्कूल जाने से नहीं. फिलहाल बाल संरक्षण आयोग की तरफ से नौ बिंदुओं पर जांच के लिए कलेक्टर राजेश बाथम को जांच करने का प्रतिवेदन सौंपा है. 

इंदौर से होता था संचालित
मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम ने जब पूछताछ की तो पता चला कि जावरा के पास उमठ पालिया गांव में स्थित इस अवैध मदरसे का संचालन दावत-ए-इस्लामी हिंद ट्रस्ट, इंदौर के माध्यम से किया जा रहा था.  2017 से 2022 तक मदरसा बोर्ड से आता-ऐ-रसूल नाम का मदरसा को मान्यता थी. उसके बाद मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया गया. इसके बावजूद यहां मदरसे में 77 बच्चों को दीनी तालीम (मजहबी शिक्षा) दी जा रही है. टीम ने मदरसा बंद कर बच्चों को उनके परिजन को सौंपने के निर्देश दिए हैं.

25 जनवरी को गई थी टीम
जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने 25 जनवरी को बाल संरक्षण आयोग की टीम निरीक्षण के लिए गई थी. इस दौरान पता चला कि इस मदरसे की मान्यता 2 साल पहले ही समाप्त हो चुकी है. संचालकों द्वारा वर्ष 2022 में नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया. निरीक्षण में पाया गया कि यह मदरसा आवासीय नहीं है. जबकि निरीक्षण के दौरान मदरसा संचालकों द्वारा बताया गया कि मदरसा 2017 से आवासीय रूप में संचालित है.

किसने कराया बच्चों का दाखिला
निरीक्षण के दौरान टीम को मदरसे में उत्तर प्रदेश, राजस्थान के अलावा अशोक नगर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन और इंदौर के भी बच्चे मिले. इन बच्चों की पहचान से संबंधित दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि मदरसे में उनका दाखिला किसने कराया?  मान्यता समाप्त होने के बाद इसे बंद क्यों नहीं कराया गया?  शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मदरसे का निरीक्षण क्यों नहीं किया गया...?

ये भी पढ़ें- MP News: 11वीं फेल हलवाई ने ऐसा क्या बनाया? गोवा पुलिस को भागकर आना पड़ा मुरैना; जानिए

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP News और पाएं MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news