क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन से पांच लाख रुपये में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रफूचक्कर हो जाता था.
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भोपाल: क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन से पांच लाख रुपये में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रफूचक्कर हो जाता था. उसके पास से दतिया मेडिकल कालेज के डीन की सील और अलग-अलग 32 प्रकार के फर्जी नियुक्ति आदेश बरामद हुए हैं. अब आरोपित से पूछताछ जारी है, उससे कई तरह के खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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क्राइम ब्रांच के मुताबिक कोटरा सुल्तानाबाद कमला नगर में पाण्डेय बालक छात्रावास संचालित करने वाला आषु कुमार पांडे लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये लेता था, बाद में उनको नियुक्ति और साक्षात्कार के फजी पत्र देकर उनको ठग लेता था. चौंकाने वाली बात यह है कि बिहार से आकर यह खाना बनाया करता था. उसके बाद उसे यहां पर इस प्रकार से लोगों को ठगने के लिए गिरोह बना लिया.
32 तरह के फर्जी नियुक्ति आदेश मिले
पुलिस के छापे में जाली दस्तावेज, दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन के सील व उनके फर्जी लेटर पैड बरामद हुए हैं. इसी तरह से आरोपित के पास से करीब 32 प्रकार की नियुक्ति कराने के नाम पर यह धोखाधडी का कारोबार संचालित कर रहा था. अब तक आरोपी से 400 से अधिक व्यक्तियों की ठगी की जानकारी मिली है.
बिहार से आकर गिरोह तैयार किया
बता दें कि आरोपी आशु ने मुजफ्फरपुर (बिहार) से आकर ठगी का ये गिरोह तैयार किया है. आरोपी के साथ और भी लोगों की मिलीभगत होने की सम्भावना की जाँच पुलिस कर रही है. पुलिस को कई फर्जी सील व कम्प्यूटर, रजिस्टर व अन्य फर्जी आई कार्ड्स मिले है.
इन सभी की नियुक्ति पत्र देता था
आरोपी अपर ग्रेड क्लर्क, लोअर ग्रेड क्लर्क, चपरासी, चपरासी (संविदा), फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, चालक (संविदा), आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी , लाइब्रेरियन (संविदा), लैब अटेंडेंट, लैब तकनीशियन, स्वास्थ्य निरीक्षक, तकनीकी सहायक, चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता , पुरुष नर्स, दंत चिकित्सक, चालक सांख्यिकी अधिकारी, ईसीजी तकनीशियन, स्टाफ नर्स, छात्रावास अधिकारी, चिकित्सा अभिलेख अधिकारी (एम.आर.ओ.) ,उप राजस्थान, फिजियोथेरेपिस्ट, ओ.टी. तकनीशियन, खाद्य निरीक्षक, डिसेक्शन हॉल अटेंडर, ईसीजी तकनीशियन, सहायक स्थैतिक अधिकारी आदि फर्जी नियुक्तियां तैयार करता था.