मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता PFI पर लगे बैन को लेकर बंटे नजर आ रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया है.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI पर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया है. मध्य प्रदेश में भी PFI के कई ठिकानों पर कार्रवाई कर कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन PFI पर बैन लगने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता बंटे नजर आ रहे हैं. कमलनाथ ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं तो कांग्रेस के एक विधायक ने भी PFI पर लगाए गए बैन के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं तो दूसरे कांग्रेस विधायक ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया है.
आरिफ मसूद ने कहा स्वागत योग्य फैसला
भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने PFI पर बैन लगाने वाले फैसले को स्वागत योग्य कहा है, उन्होंने कहा कि ''मैंने जी मीडिया के जरिये पहले ही मांग की थी कि PFI जैसे संगठनों के जो काम काज है वह संदिग्ध है इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए, क्योंकि PFI मुस्लिम युवाओं को भड़का रही है, मुस्लिम कोम बदनाम हो रही है. केंद्र ने इस को प्रतिबंधित करने में देरी की है पर अब ठीक है प्रतिबंध लगाया गया है, PFI पर प्रतिबंध स्वागत योग्य है, इसके अलावा आरिफ मसूद ने कहा कि PFI के खिलाफ जो सबूत मिले हैं उन्हें उजागर किया जाना चाहिए, क्योंकि PFI ने बड़ी संख्या में मुस्लिम युवाओ को गुमराह किया है.'' बता दें कि आरिफ मसूद पहले भी इस संगठन को बैन करने की मांग कर चुके थे.
कमलनाथ ने उठाए सवाल
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने PFI पर बैन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ''इस पूरे मामले में आतंकवादी संस्था से जुड़े होने के सबूत होना चाहिए, बल्कि बनावटी नहीं, सही सबूत होना चहिए, क्योंकि आम जनता को सुरक्षा चाहिए PFI इतनी पुरानी संस्था है, तो इतने दिन से सरकार क्या कर रही थी, जो सबूत हैं क्या वह अभी मिले, इसलिए इस पूरे मामले में सरकार ने क्या इन्वेस्टिगेशन किया है इसे जनता को बताना चाहिए. हालांकि आरएसएस पर बैन लगाने की मांग पर कमलनाथ ने कहा देश में संगठन बहुत हैं लेकिन जो देश विरोधी काम करते हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, मनमानी नहीं हो सकती, जिनके खिलाफ सबूत है सरकार उन पर कार्रवाई करें.''
वहीं कमलनाथ की तरह पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, उनका कहना है कि ''जब-जब चुनाव आते हैं तब केंद्र और एमपी सरकार ऐसी कार्रवाई करती हैं. 2023 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है. एक वर्ग विशेष से जुड़ी संस्थाओं पर कार्रवाई कर दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है. पीसी शर्मा ने कहा कि अगर PFI देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त था तो पहले कार्यवाही क्यों नहीं की. हालांकि इन बयानों से एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस नेताओं की इस फैसले पर फिलहाल अलग-अलग राय है.
बता दें कि लगातार कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने आज PFI संगठन पर पांच साल का बैन लगा दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. मध्य प्रदेश से भी इस संगठन के कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है.
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