MP News: एमपी का लहसुन पूरी दुनिया में फेमस है. यहां उत्पाद किए गए लहसुनों को विदेशों में भी भेजा जाता है. भारत में कुल लहसुन उत्पादन में एमपी का 65% योगदान होता है, जिसके पीछे किसानों की कड़ी मेहनत शामिल होती है. एमपी के सागर में भी एक ऐसे ही किसान हैं जिन्होंने सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कर आज लाखों के मालिक बन गए हैं. इस किसान का कहानी आज देश के लाखों किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है.
वैसे तो एमपी का सागर जिला कम पानी वाले मैदानी क्षेत्र और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता है लेकिन अब यहां की तस्वीर बदलती दिख रही है. यहां के एक किसान की कड़ी मेहनत और लगन ने आज इस जिले की पूरी तस्वीर ही बदल दी है.
एमपी में उत्पाद किए गए लहसुन पहले से ही नाम कमाए हुए है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यहां के लहसुनों का तारीफ होती है. इन लहसुनों के खास होने की वजह एमपी के जलवायु और मिट्टी को बताया जाता है जो इसे खास बनाए रखता है. इसी का फायदा उठाते हुए सागर के किसान ने कमाल कर दिखाया है. कम लागत की खेती के बाद भी वे आज लाखों के राजा हैं.
दरअसल, सागर जिले के रजवास गांव के किसान घनश्याम कुर्मी ने गेहूं, चना, मसूर की खेती को थोड़ा कम करके लहसुन पर अपना भाग्य आजमाया था. खेती में रिस्क लिए घनश्याम के साथ कुछ ऐसा हुआ कि आज वो अपने इस काम के लिए बहुत खुश हैं.
घनश्याम बताते हैं कि करीब 3 साल पहले यूट्यूब से उन्हें लहसुन की खेती का आइडिया मिला था. पहले साल तो उन्होंने एक एकड़ में लहसुन लगाया था. पारंपरिक गेहूं और चने के खेती के मुकाबले लहसुन की खेती में उन्हें दोगुने से अधिक का फायदा हुआ था.
फायदा देख उन्होंने एक एकड़ के बदले 3 एकड़ में लहसुन की खेती करना शुरू कर दिया. फसल में कीड़े लगने की वजह से 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से ही उपज हुई थी लेकिन लहसुन का भाव 23,000 से लेकर 29,000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिला था. पिछले साल 3 एकड़ में लहसुन से 10 लाख तक की भी कमाई हुई थी.
घनश्याम ने आगे बताया कि पिछले साल साढ़े 9 लाख का लहसुन बेचा था. इन लहसुन की खेती से उन्हें इतना फायदा हो रही कि अब लहसुनों को बेचने के लिए इधर-उधर मंडियों में नहीं ले जाना पड़ता है दूसरे प्रदेशों के खरीदार खुद खेत में आकर लहसुनों को खरीद के ले जाते हैं. इससे उन्हें अच्छा भाव भी मिल जाते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़