मध्य प्रदेश में पुलिस की बर्बरता की ऐसा मामला सामने आया है जहां मामूली झगड़े के आरोपी को चौकी में बुलाकर इतना मारा कि उसका हाथ ही टूट गया. ये मामला मध्य प्रदेश के पन्ना जिले का है.
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पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां रक्षक ही भक्षक बन गया. ये मामला पन्ना जिले के अजयगढ़ थाना इलाके का है जहां हनुमतपुर पुलिस चौकी पुलिस कस्टडी में धारा 151 के आरोपी को इस कदर मारा गया है कि न तो वह चल पा रहा है और न ही बैठ पा रहा है.
8 महीने पहले की थी शिकायत
इस मामले में आरोपी जगत पटेल का सिर्फ इतना ही कुसूर था कि 8 माह पहले उनके गांव के एक व्यक्ति की मोनू जैन से किसी बात को लेकर नोकझोंक हुई थी. इसपर जगत पटेल की शिक़ायत मोनू जैन ने हनुमतपुर चौकी में 8 महीने पहले की थी.
कई घंटों तक चौकी प्रभारी पीड़ित को पीटते रहे
फरियादी जगत पाल ने बताया कि हाल ही में वह चुनाव के सिलसिले में अपने गांव आया हुआ था. 26 तारीख की रात को जब वह अजयगढ़ के पेट्रोल पंप पर अपने वाहन के लिए तेल लेने के लिए गया हुआ था, वहीं से पुलिस वाले उसे अपने साथ चौकी ले आए और कुछ समय के बाद चौकी में मारपीट शुरू कर दी. जगतपाल को कई घंटों तक चौकी प्रभारी और उनके स्टाफ ने पीटा.
पैरों पर भी खड़ा नहीं हो पा रहा था पीड़ित
इस वाकये के दूसरे दिन उसे अजयगढ़ एसडीएम न्यायालय में धारा 151 के मामले में पेश किया गया परंतु पुलिस ने इतना मारा गया था कि वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था. तब उसकी हालत देखकर एसडीएम अजयगढ़ ने तत्काल प्रभाव से जमानत दे दी थी.
उसके बाद उपचार के लिए उसे अपने परिजनों के साथ अजयगढ़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद ड्यूटी डॉक्टर ने हाथ में फ्रैक्चर होना बताया जिस कारण से उसे पन्ना जिला चिकित्सालय में रेफर कर दिया गया. वहां से वह पन्ना आ गया और अपना इलाज करवाने के बाद इंसाफ के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा जहां पर सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया गया.
मारपीट के बाद बिगड़ गई मानसिक और शारीरिक स्थिति
पीड़ित ने यह भी बताया कि यह सब गांव के निवासी मोनू जैन ने किया है. उसने हनुमत चौकी प्रभारी के साथ मिलकर सबक सिखाने के उद्देश्य से एवं पुरानी रंजिश के कारण चौकी में ले जाकर इतनी मारपीट कराई कि उसका मानसिक संतुलन एवं शारीरिक स्थिति बिगड़ गई है.
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