Why Protest Against Sammed Shikharji in Madhya Pradesh: पूरे देश के साथ मध्यप्रदेश में भी सम्मेद शिखरजी को लेकर काफी विरोध हो रहा है तो चलिए आज हम आपको जैन समुदाय के MP में सड़कों पर उतरने की वजह बताते हैं.
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Shri Sammed Shikharji Controversy Fully Explain In Hindi: सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने को लेकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश में भी जैन समुदाय इस मुद्दे को लेकर कई दिनों से सड़कों पर उतरा हुआ है. यहां तक कि कई जैन प्रमुख और जैन महाराज भी इस विरोध के समर्थन में हैं और 21 दिसंबर को भी इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, नर्मदापुरम, खंडवा, बालाघाट जैसे राज्य के कई जिलों में बंद का आह्वान किया गया था, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मध्यप्रदेश में इतने बड़े पैमाने में क्यों सम्मेद शिखर जी को लेकर इतना विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
मध्य प्रदेश में विरोध का कारण
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश भारत के उन राज्यों में से एक है, जहां जैन समुदाय की अच्छी खासी आबादी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के बाद सबसे ज्यादा जैन समुदाय के लोग मध्य प्रदेश में ही रहते हैं. मध्य प्रदेश में जैन समुदाय की जनसंख्या 567,028 है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कुण्डलपुर (दमोह), सोनागिर (दतिया) के जैसे अनेक तीर्थ स्थल हैं. मप्र में जैनियों के कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. हर साल बड़ी संख्या में लोग इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं.इसके साथ ही विदिशा जिले को पुराण क्षेत्र जैन तीर्थ माना जाता है.
सांसद नकुल नाथ ने लिखा पत्र
इसी के चलते सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने को लेकर मध्यप्रदेश में काफी विरोध हो रहा है. यहां तक कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ ने केंद्रीय मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा.अपने पत्र में सांसद नकुलनाथ ने लिखा था कि जैन समुदाय की भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचाने का फैसला लिया गया है. सरकार के इस फैसले से पूरा जैन समुदाय आहत है. उन्होंने आग्रह करते हुए कहा था कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाए जाने के फैसले को तत्काल वापस लिया जाए.
क्यों हो रहा है विरोध
आपके मन में भी एक सवाल होगा कि सम्मेद शिखर जी को लेकर इतना विरोध क्यों हो रहा है, तो हम आपको बताते हैं. दरअसल, सम्मेद शिखर जी को ईको टूरिज्म प्लेस बनाने की अधिसूचना ही विवाद की जड़ है.जिस पर जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखर जी के पर्यटन क्षेत्र बनने के बाद यहां काफी संख्या में पर्यटक आयेंगे और इस कारण वहां मांस-मदिरा का सेवन होगा. इसके चलते जैन समाज इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बताकर इसका विरोध कर रहा है.
सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय के लिए क्यों है खास ?
सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है. यह पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है. आपको बता दें कि यह तीर्थ स्थल दिगंबर और श्वेतांबर दोनों पंत के जैन समुदाय के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थान है क्योंकि यह वह स्थान है जहां 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था.