छत्तीसगढ़ में BJP को फिर मिली बड़ी जीत, इस नगर पालिका में कांग्रेस को मिली हार
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छत्तीसगढ़ में BJP को फिर मिली बड़ी जीत, इस नगर पालिका में कांग्रेस को मिली हार

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बीजेपी को जीत मिली है. नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के पार्षद ने अपना कब्जा जमा लिया है. 

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद अब नगरीय निकायों में भी बीजेपी को जीत मिलनी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ नगर पालिका में अध्यक्ष का पद बीजेपी ने कांग्रेस से छीन लिया है. बुधवार को खैरागढ़ नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी की प्रत्याशी और दो महीने पहले नियुक्त हुई कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिजा चंद्राकर ने 8 वोट से जीत दर्ज की है. बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान यहां पर्ची से अध्यक्ष पद का फैसला हुआ था, जिसमें कांग्रेस को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर जीत मिली थी. लेकिन अब यहां भाजपा का परचम लहरा गया है. 

कांग्रेस के तीन पार्षद  बीजेपी में शामिल 

खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के लिए निर्वाचन से पहले बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों सहित दोनों दलों के कार्यकर्ताओं भी नगर पालिका परिषद में पहुंचे. जहां भाजपा पार्षद दल के साथ कांग्रेस के तीन पार्षद भी मौजूद थे, यानि कांग्रेस के तीन पार्षदों ने अध्यक्ष के चुनाव से पहले पाला बदल लिया और वह बीजेपी में शामिल हो गए. ऐसे में जब भाजपा पार्षद दल में कांग्रेस के तीन पार्षदों सहित कुल 13 पार्षद नगर पालिका पहुंचे तो कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने दल बदलने वाले तीन पार्षदों की फोटो दिखाकर जमकर नारेबाजी की. 

खैरागढ़ में बीजेपी को मिली जीत 

वोटिंग के बाद परिणाम में बीजेपी की जीत हुई. भाजपा की गिरिजा चंद्राकर को 14 मत प्राप्त हुए वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 6 मत प्राप्त हुए. चुनाव के पहले दोनों दलों के पास 10-10 पार्षद थे. लेकिन तीन पार्षदों ने भाजपा का दामन थामा वहीं कांग्रेस के किसी अन्य एक पार्षद ने भी कांग्रेस में रहकर भितरघात किया और भाजपा को वोट कर दिया. इस तरह भाजपा की गिरिजा चंद्राकर ने 8 वोट से जीत दर्ज करते हुए अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया. 

ढाई साल पहले कांग्रेस को मिली थी जीत 

बता दें कि ढाई साल पहले हुए नगरीय निकाय के चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बराबर पार्षद चुनाव जीत थे. तब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का फैसला नहीं हो पाया था, ऐसे में मासूम बच्ची के जरिए पर्ची निकलवाकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करवाया गया था, जिसमें कांग्रेस को दोनों ही पदों पर जीत मिली थी. शैलेन्द्र वर्मा अध्यक्ष बने थे, तो वहीं अब्दुल रज्जाक खान उपाध्यक्ष बने थे. लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद सियासी समीकरण बिगड़ने लगे और कांग्रेस के अध्यक्ष पार्षद शैलेन्द्र वर्मा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे ढाई साल में ही कांग्रेस की शहर सरकार गिर गई थी गई. बाद में गिरिजा चंद्राकर को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. जहां चुनाव में अब उन्हें जीत मिली है. 

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