Bhopal Gas Tragedy Case: अवमानना याचिका पर दोषियों के खिलाफ सुनवाई टली, अब इस दिन होगा फैसला
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Bhopal Gas Tragedy Case: अवमानना याचिका पर दोषियों के खिलाफ सुनवाई टली, अब इस दिन होगा फैसला

Bhopal Gas Tragedy Hearing HC: भोपाल गैस त्रासदी मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले की सुनवाई टल गई है. अब हाईकोर्ट 19 जनवरी को पुनर्विचार याचिका सुनेगा.

 

Bhopal Gas Tragedy Case: अवमानना याचिका पर दोषियों के खिलाफ सुनवाई टली, अब इस दिन होगा फैसला

अजय दुबे/जबलपुर: भोपाल गैस त्रासदी मामले में आज जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि अवमानना के दोषी केंद्र व राज्य के बड़े अधिकारी पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस मोहम्मद सुलेमान समेत नौ अफसरों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले की सुनवाई टल गई है. अधिकारियों ने कोर्ट में पुनर्विचार करने का आवेदन दिया है. इन्होंने कोर्ट से आवेदन किया कि, सजा देने से पहले एक बार हमारी सुन ली जाए. अब पुनर्विचार आवेदन पर सुनवाई के बाद HC सज़ा पर फैसला लेगा. कोर्ट ने अगली सुनवाई 19 फरवरी को रखी है.

इन अधिकारियों पर गिर सकती है गाज!
बता दें कि गैस पीड़ितों को सही इलाज शोध की व्यवस्था न देने को लेकर ये सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य मामले में 2012 के आदेश की अवमानना करने पर केंद्र और राज्य सरकार के 9 अधिकारियों पर केस चलाने का दिया आदेश दिया है. इस मामले में पूर्व IAS इकबाल सिंह बैस, ACS मध्य प्रदेश मोहम्मद सुलेमान, राजेश भूषण पूर्व सचिव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, आरती आहूजा पूर्व सचिव रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, डॉ प्रभा देसीकरन पूर्व निदेशक बीएमएचआरसी, डॉ आर आर तिवारी संचालक निरेह, अमर कुमार सिन्हा राज्य सूचना अधिकारी, विनोद कुमार विश्वकर्मा एनआईसी, आर रामाकृष्णन उपसंचालक आईसीएमआर शामिल हैं.

गौरतलब है कि भोपाल गैस त्रासदी को पूरी दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी माना जाता है. इस मामले में डाउ केमिकल कंपनी आरोपी होने के बाद भी उसके प्रतिनिधि भोपाल जिला अदालत में पेश नहीं हो रहे थे. जबकि कंपनी की यूनियन कार्बाइड में 100 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.

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नर्सिंग मामले में भी हुई सुनवाई
दूसरी तरफ आज नर्सिंग मामले में भी सुनवाई हुई. लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की जनहित याचिका के साथ लगभग 50 मामलों की एक साथ सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट पेश की है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि, मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबंध 50 कॉलेजों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट की रोक होने के कारण उनकी जांच नहीं की जा सकी है. सीबीआई द्वारा जिन नर्सिंग कॉलेजों की जांच की की गई है, वे मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबंधित नर्सिंग कॉलेज है और नर्सिंग के डिग्री कोर्स संचालित करते हैं. 

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