इस बार महाकुंभ 2025 में क्या होने वाला है खास? पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कर दिया जिक्र
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इस बार महाकुंभ 2025 में क्या होने वाला है खास? पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कर दिया जिक्र

Mahakumbh 2025: पीएम मोदी ने बताया कि महाकुंभ में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध कराएगा. यह पहल डिजिटल कुंभ की ओर एक बड़ा कदम है.

इस बार महाकुंभ 2025 में क्या होने वाला है खास? पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कर दिया जिक्र

PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 117वें एपिसोड में महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर चर्चा की. उन्होंने इस भव्य आयोजन की एकता और सामूहिकता के संदेश पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ होगा, और इस दौरान संगम तट पर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से समाज में विभाजन और नफरत की भावनाओं को समाप्त करने का संकल्प लेने का आग्रह किया.

एआई आधारित चैटबॉट का उपयोग..
दरअसल, पीएम मोदी ने बताया कि महाकुंभ में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध कराएगा. यह पहल डिजिटल कुंभ की ओर एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि इस चैटबॉट के माध्यम से टूर पैकेज, आवास और होमस्टे जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी सीधे मोबाइल पर मिलेगी, जिससे कोई भी श्रद्धालु महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित न रहे.

अपनी विविधता के लिए भी
महाकुंभ की विशेषता पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह आयोजन केवल अपनी विशालता के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है. लाखों संत, हजारों परंपराएं, और सैकड़ों संप्रदाय इस आयोजन में भाग लेते हैं. यहां हर कोई समान है, न कोई बड़ा है, न कोई छोटा. यह आयोजन भारतीय संस्कृति की 'अनेकता में एकता' की भावना का सबसे बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसे दुनिया में और कहीं नहीं देखा जा सकता.

प्रधानमंत्री ने डिजिटल तकनीक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु डिजिटल नेविगेशन की मदद से घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक आसानी से पहुंच सकेंगे. एआई संचालित कैमरों की मदद से मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ के दौरान खोए हुए लोगों को खोजने और सहायता प्रदान करने के लिए डिजिटल खोया-पाया केंद्र की सुविधा उपलब्ध होगी, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी सहज बनाएगी. एजेंसी इनपुट

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