मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए, महीनों से हो रही थी पहचान
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मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए, महीनों से हो रही थी पहचान

Manipur Violence: हिंसा से प्रभावित कई  शव इंफाल और चुराचांदपुर के तमाम अस्पतालों के मुर्दाघरों में महीनों से रखे हुए थे. जिनमें से कई तो 3 मई से ही रखे हुए थे. अब उनके शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है.

मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए, महीनों से हो रही थी पहचान

Manipur Government Arrangements: मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान मारे गए 73 लोगों के शव को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. हिंसा की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा में 175 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 169 शवों की पहचान कर ली गई. अधिकारियों ने बताया कि ये शव अस्पतालों के मुर्दाघर में रखे हुए थे. मई में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के दौरान मारे गए इन लोगों में से 60 लोग कुकी समुदाय से थे. उन्होंने कहा कि चार अन्य शव मेइती समुदाय के लोगों के थे.

दरअसल, मणिपुर में इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच मई में जातीय हिंसा भड़क गई थी. ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ नामक संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘हिंसा में मारे गए कुकी लोगों’’ का अंतिम संस्कार शुक्रवार को फैजांग के शहीद कब्रिस्तान में किया जाएगा. संगठन ने अंत्येष्टि क्रिया के लिए शुक्रवार को सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक सदर हिल्स कांगपोकपी के भीतर 12 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया और आम जनता से सहयोग करने की अपील की.

इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में राहत उपायों, मुआवजे और पुनर्वास के काम पर गौर करने के लिए अगस्त में उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति गीता मित्तल, न्यायमूर्ति शालिनी जोशी और आशा मेनन की एक समिति गठित की थी. उच्चतम न्यायालय ने समिति की रिपोर्ट पर मणिपुर में मुर्दाघरों में रखे शवों को दफनाने या दाह-संस्कार सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, जातीय हिंसा के दौरान 175 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 169 शवों की पहचान कर ली गई. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पहचाने गए 169 शवों में से केवल 81 पर परिजनों ने दावा किया था.

वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई शव इंफाल और चुराचांदपुर के विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में महीनों से रखे हुए थे, जिनमें से कई तो 3 मई से ही रखे हुए थे. गुरुवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने 41 शवों को मैती-प्रभुत्व वाले इंफाल जिले से कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले चुराचांदपुर तक पहुंचाया. अन्य 28 शवों को इंफाल से कांगपोकपी ले जाया गया, जो कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाला जिला भी है.। चुराचांदपुर जिला अस्पताल से चार शव इंफाल लाए गए.

सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को मणिपुर सरकार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था जिसमें पीड़ितों के रिश्तेदारों को शवों पर दावा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था, ऐसा नहीं करने पर राज्य को "दफन/दाह संस्कार करना होगा".

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