आखिरकार नोएडा के सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक का ट्विन टावर ध्वस्त हो गया. इसे गिराने में 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. टावर के गिरते ही धूल का गुबार से पूरा इलाका ढक गया. धमाका होते ही कुछ ही सेंकड में यह 32 मंजिला इमारत भरभरा कर मिट्टी में तब्दील हो गई. इससे पहले एहतियात के तौर पर आसपास का पूरा इलाका खाली करा गया था. वहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को भी कुछ देर के लिए बंद रखा गया था.
सुपरटेक ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया गया था. कंट्रोल रूम से अधिकारियों की देखरेख में विस्फोट के लिए रिमोट के बटन को दबाया गया. ट्विन टावर के आसपास का पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
ट्विन टावर ध्वस्त होते ही पूरी इमारत तिनको की तरह ढह गई. विस्फोट बिल्डिंग में इस तरह लगाया गया था कि चंद सेकंड में ताश के पत्तों की तरह इमारत गिर गई. हालांकि, टावर गिरते ही आसपास के इलाके में धूल का गुबार फैल गया.
हालांकि, एहतियातन कई रास्तों को ट्रैफिक विभाग ने पहले ही बंद कर दिया था. वहीं, कई रास्तों को डायवर्ट किया गया था. टावर ध्वस्त होने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे को आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. प्रदषूण का स्थिति से निपटने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी थी. लोग आसपास के फ्लाईओवर और एक्सप्रेस वे यहां तक कि घरों की छत पर ट्विन टावर को ध्वस्त होता देखने के लिए पहुंच गए थे. कई जगह पर तो इसको देखते हुए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
ट्विन टावर को गिराने से पहले सायरन बजाया गया था. किसी भी तरह के हालातों से निपटने के लिए ड्रोन से नजर रखी जा रही थी. धूल से बचने के लिए आसपास के सोसायटी और आवासीय क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों से मास्क लगाने की अपील की गई थी.
प्रदूषण की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ट्विन टावर के आसपास छह से अधिक मशीनों को लगाया है. इनकी मदद से टीम 31 अगस्त तक वायु प्रदूषण पर निगरानी रखेग. रोजाना दस बजे वायु प्रदूषण के आंकड़े जारी किए जाएंगे.
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