बरां में नगर परिषद में पुरानें दस्तावेजों का कराना होगा सत्यापन
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बरां में नगर परिषद में पुरानें दस्तावेजों का कराना होगा सत्यापन

 बरां में बीते सालों में बड़ी तादाद में लोगों ने पट्टे बनवाए, भवन निर्माण की स्वीकृतियां ली, अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों का भी सिरदर्द बढ़ने वाला है, क्योंकि उन्हें नगर परिषद जाकर इन दस्तावेजों का सत्यापन कराना पड़ेगा. 

बरां नगर परिषद

Baran: बरां में बीते सालों में बड़ी तादाद में लोगों ने पट्टे बनवाए, भवन निर्माण की स्वीकृतियां ली, अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों का भी सिरदर्द बढ़ने वाला है, क्योंकि उन्हें नगर परिषद जाकर इन दस्तावेजों का सत्यापन कराना पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, नगर परिषद से जारी होने वाले विभिन्न अनापत्ति प्रमाण-पत्र, पट्टा नियमन, भवन निर्माण स्वीकृति, राशि जमा की रसीदें, किसी विशेष गिरोह भूमाफिया के फर्जी तरीके से तैयार कर जनता से पैसा वसूली करना सामने आया है. 

ऐसे में नगर परिषद की ओर से पिछलें पांच सालों में बने ऐसे दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. उसके बाद ही ऐसे दस्तावेज मान्य होंगे. इससे भारी तादाद में लोगों के नगर परिषद के चक्कर काटने की नौबत आने वाली है. जिन लोगों ने नाजायज काम किए और कराए, उनके चक्कर में ऐसे लोग भी परेशान हो रहे हैं जिनके काम जायज है. 

दस्तावेज बनने के बाद सैकड़ों लोग बीते सालों में ऐसे रहे जो पट्टों से लोन उठा चुके, भवन निर्माण करा लिए, अब ऐसे लोगों को दस्तावेज सत्यापन कराने पड़ेंगे, तो उनमें डर है कि कहीं कोई गड़बड़ी न निकल आए. जिन लोगों ने अवैध रूप से काम कराए, उनमें तो हड़कम्प मचा हुआ है. नगर परिषद ने साफ कह दिया है कि पांच साल की अवधि के उक्त दस्तावेज सत्यापन के बाद ही मान्य होंगे. 

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गैरतलब है तत्कालीन नगर परिष्द के सभापति कलम राठौर फर्जी पटृटा प्रकरण में जेल में है. जिसमें इननें खुद ओर परिवार के लोगों के नाम भी कई फर्जी पटृटें जारी कर रखे है. जिसकी जांच भी पुलिस कर रही है. जनवरी महीने में एसीबी का छापा भी पड़ चुका है. 69 ए समेत अन्य पट्टों में काफी गड़बड़ियां होने की आशंका है. कुछ मामलों में फर्जीवाड़ा सामने भी आ चुका है. इसके अलावा पट्टों में दलालों की भूमिका भी चर्चा में रहती आई है. यह सब बिना मिलीभगत के संभव नहीं है. इतने बड़े खेल होते आ रहे हैं लेकिन तब किसी को कुछ नहीं दिखा. 

नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता का कहना है कि, उनके संज्ञान में आया है कि नगर परिषद से जारी होने वाले विभिन्न अनापत्ति प्रमाण-पत्र, पट्टा नियमन, भवन निर्माण स्वीकृति, राशि जमा की रसीदें किसी विशेष गिरोह- भूमाफिया के फर्जी तरीके से तैयार कर जनता से अवैध धन वसूली की जा रही है. इससे नगर परिषद की छवि धूमिल हो रही हैं. साथ ही बारां की जनता से खिलवाड़ हो रहा है. ऐसे में नगर परिषद अन्तर्गत समस्त सम्पत्तियों, भूखण्डों के निर्माण स्वीकृति, पट्टा राशि जमा की रसीदें 1 जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2021 तक जिस किसी व्यक्ति के पास हैं, वे नगर परिषद कार्यालय में आकर मूल दस्तावेजों का एक महीने की अवधि में सत्यापन कराएं. सत्यापन नहीं कराने की दशा में ऐसे दस्तावेज नगर परिषद से मान्य नहीं होंगे. 

Reporter: Ram Mehta 

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