Chittorgarh News: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में कार्यरत सैंकडों कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है, जिससे मंदिर में सांवलिया सेठ के दर्शन, भगवान के भोग और गौशाला संचालन के अलावा सारी व्यवस्थाएं ठप्प हो गई है. मंदिर में वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देना मंडल पर भारी पड़ गया है.
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Chittorgarh News: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में कार्यरत सैंकडों कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है, जिससे मंदिर में सांवलिया सेठ के दर्शन, भगवान के भोग और गौशाला संचालन के अलावा सारी व्यवस्थाएं ठप्प हो गई है. मंदिर में वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देना मंडल पर भारी पड़ गया है.
सांवलिया सेठ के दरबार में वीआईपी कल्चर के नाम से श्रद्धालुओं के साथ हो रहे भेदभाव की ख़बर सामने आने के बाद प्रशासन ने मंदिर में किसी भी तरह के वीआईपी कल्चर की बात होने से इनकार किया था. एक बार फिर से मंदिर में वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगा है. इस बार खुद मंदिर मंडल के कर्मचारियों ने वीआईपी कल्चर से मंदिर में भगवान के दर्शन करवाने की वजह से मंदिर मंडल की व्यवस्थाएं प्रभावित होने का आरोप लगाया है.
चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित सुप्रसिद्ध श्री सांवलियाजी मंदिर में हमेशा से भगवान श्री सांवलिया सेठ के वीआईपी दर्शन करवाने से इनकार किया जाता रहा है. इस बार वीआईपी दर्शन से जुड़े एक मामले में मंदिर में कार्यरत सैकडों कर्मचारी पुलिस के खिलाफ लामबंद हो गए. वीआईपी दर्शन से जुड़े एक मामलें में मंदिर मंडल के 459 संविदा कर्मी और 52 स्थायी कर्मचारी धरने पर बैठ गए, जिससे मंदिर में दर्शन, भगवान के भोग और गौशाला के संचालन को छोड़कर सारे काम ठप्प हो गए.
ऐसे में शुक्रवार शाम को जो दर्शनार्थी ठाकुरजी के दर्शन करने सांवलिया सेठ मंदिर पहुंचे, लेकिन श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद मिल सका और न ही उनके धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था हो सकी. सांवलिया सेठ में वीआईपी ट्रेंड को लेकर दर्शनार्थियों से पक्षपात करने की ख़बर सामने आई थी, जिस पर मंदिर मंडल सीईओ प्रभा गौतम ने मंदिर में किसी भी तरह का वीआईपी ट्रेंड होने की बात से इनकार किया था. अब वीआईपी दर्शन से जुड़े एक मामलें में खुद मंदिर मंडल के 511 कर्मचारी धरने पर बैठ गए है. जिससे मंदिर में वीआईपी दर्शन करवाने जैसी व्यवस्थाएं खुद ब खुद आम जनता के सामने आ गई है.
मामला बीती शाम का है, जब बिना किसी प्रोटोकॉल की सूचना के सांवलिया जी मंदिर में डिस्ट्रिक्ट जज यानी ज़िला न्यायधीश के अथिति बताकर आए लोगों के लिए मंदिर का वीआईपी गेट खोलने को कहा गया. इस पर वीआईपी गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने मंदिर मंडल के किसी अधिकारी से बात करवाने को कहा. लेकिन फिर भी किसी न किसी तरह मंदिर का वीआईपी गेट खुलवा कर दर्शन करवा दिए गए. हालांकि दर्शन करवाने के बावजूद मंडफिया थाने से कुछ पुलिसकर्मी ऑन ड्यूटी तैनात सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार करने पहुंच गए और मंदिर मंडल कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के बीच तनातनी हो गई, जिसके बाद मंदिर मंडल के 511 कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
मंदिर मंडल के कर्मचारियों ने बड़ा आरोप लगाया है कि आए दिन वीआईपी दर्शन के नाम पर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न किया जाता है. श्रद्धालुओं से पैसे लेकर उन्हें सांवलिया सेठ के वीआईपी दर्शन करवाए जाते है. वहीं पुलिसकर्मी पूरा दिन वीआईपी दर्शन करवाने की व्यवस्थाओं में लगे रहते है. इसी के साथ आए दिन प्रोटोकॉल के नाम पर मंदिर मंडल के कर्मचारियों के साथ गली गलौच की जाती है, उन्हें डराया धमका कर मंदिर की नियमित दर्शन व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न किया जाता है.
प्रसाद काउंटर पर भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें होने के बावजूद मंदिर कार्मिकों को प्रसाद देने के लिए डराया धमकाया जाता है. कर्मचारियों का कहना है कि बिना किसी प्रोटोकॉल की सूचना के इस तरह से वीआईपी दर्शन करवाने की वजह से मंदिर की दर्शन व्यवस्था गड़बड़ा जाती हैं. बड़े राजनेता के सांवलिया सेठ मंदिर आने पर उन्हें एक सुनिश्चित प्रोटोकॉल के तहत भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन करवाए जा सकते है.
बावजूद इसके पिछले कई सालों से नियमों को ताक में रखकर मंदिर मंडल के पदाधिकारियों, पुलिस व बड़े अधिकारियों के चहितो को जेक से सांवलियाजी सेठ मंदिर में विशेष गेटों से एंट्री देकर दर्शन करवाने की परंपरा चली आ रही है, जिसका खामियाजा यहां मंदिर व्यवस्थाओं में लगे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है.
आए दिन वीआईपी बनकर आए लोगों से मंदिर मंडल कर्मचारियों से कहासुनी हो जाती है. इस बार पानी सिर के ऊपर से गुजर जाने पर मंदिर मंडल के कर्मचारियों का सब्र का पारा टूट गया और वे धरने पर बैठ गए. इस बार मंदिर मंडल के कर्मचारियों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर मंदिर मंडल समिति अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है. प्रमुख मांगों में दर्शन करने आने वाले अतिथियों- अधिकारियों के सम्बंधित विभाग से पत्र आने पर प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करवाने की बात कही गई हैं.
साथ ही दर्शन व्यवस्था में किसी भी तरह से पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप न करने, मंदिर परिसर में संचालित मंडफिया थाने को परिसर से बाहर कही अन्यंत्र स्थापित करवाने, न्यायिक विभाग से आने वाले अधिकारियों को प्रोटोकॉल की सूचना के आधार पर ही दर्शन करवाने, मंदिर कर्मचारियों से अभद्रता करने वाले कर्मचारियों सहित ट्रांसफर होने के बावजूद मंडफिया थाने से रिलीव नहीं होने वाले पुलिसकर्मियों को यहां से उनके मूल थाने में भेजने की मांग की है. मांगे पूरी नही होने तक कर्मचारियों ने धरना जारी रखने की चेतावनी दी है.
बता दें कि सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने करोडों रुपए और सोना चांदी का चढ़ावा आता है. देश के कौने कौने से लाखों श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन करने सांवलिया सेठ मंदिर आते है. सेठों के सेठ भगवान श्री सांवलिया सेठ के दरबाद में सभी भक्तगण बराबर है. भगवान श्री सांवलिया सेठ खुद अपने भक्तों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करते. ठाकुरजी के भक्तों की फेहरिस्त में एक गरीब किसान, बड़े बिजनसमैन से लेकर न्यायिक मामलों में विचारधीन आरोपी शामिल है.
श्री सांवलिया सेठ की अपने दरबार में आने वाले सभी भक्तों पर असीम कृपा बरसती है. वहीं सांवलिया जी मंदिर में वीआईपी ट्रेंड के चलते जहां एक ओर कही न कही श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्थाओं में अड़चन पैदा होती है. तो दूसरी दर्शन के नाम पर आम और खास बताकर अपने भक्तों के साथ हो रहे भेदभाव को खुद ठाकुर किसी हाल में स्वीकर नहीं करते होंगे.
बावजूद इसके अक्सर देखने में आता है कि कभी मंदिर मंडल समिति के पदाधिकारियों, तो कभी पुलिस विभाग के जेक से उनके चहितों को सांवलिया सेठ के वीआई दर्शन करवाने का ट्रेंड चला आ रहा है. मंदिर व्यवस्थाओं को बनाने के लिए उपयोग में लिए जाने वाले गेटों से खास चहितो एंट्री दे दी जाती है. वहीं मंदिर मंडल के कर्मचारियों ने खुद इस बार पुलिस कर्मियों पर रुपए देकर वीआईपी दर्शन करवाने के आरोप लगा दिए, जिसने सांवलिया सेठ मंदिर में चलने वाले असंवैधानिक वीआईपी ट्रेंड पोल खोल कर रख दी है.