Advertisement
trendingPhotos/india/rajasthan/rajasthan2641881
photoDetails1rajasthan

ताजमहल ही नहीं, राजस्थान का ये किला भी है सच्चे प्यार की निशानी

Chittorgarh News: जब भी सच्चे प्यार की निशानी की बात होती है, तो सबसे पहले ताजमहल का नाम लिया जाता है. लेकिन राजस्थान में भी एक ऐसा किला है, जो प्रेम और बलिदान की अनूठी मिसाल पेश करता है. यह किला चित्तौड़गढ़ में स्थित है, जो प्रेम की अद्वितीय गाथा को संजोए हुए है.

1/5

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान की आन-बान और शौर्य का प्रतीक है. यह भारत के सबसे विशाल और ऐतिहासिक किलों में से एक है, जो राजपूती वीरता, त्याग और गौरव की मिसाल पेश करता है. 

2/5

इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में मौर्य वंश के राजा चित्रांगदा मोरी ने करवाया था. लगभग 691.9 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह किला 180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

3/5

चित्तौड़गढ़ किला कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है. यह किला तीन बड़े युद्धों का गवाह बना, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध युद्ध 1303 में अलाउद्दीन खिलजी के साथ हुआ था.

4/5
दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 में चित्तौड़गढ़ पर हमला किया. कहा जाता है कि वह रानी पद्मावती की सुंदरता पर मोहित था और उन्हें पाने की चाहत में उसने चित्तौड़ पर चढ़ाई कर दी. राजा रतन सिंह और राजपूत सैनिकों ने वीरता से युद्ध किया, लेकिन किले की रक्षा संभव नहीं हो सकी. हार सामने देखकर रानी पद्मावती सहित हजारों राजपूत महिलाओं ने जौहर कर सम्मान की रक्षा की. खिलजी चित्तौड़ तो जीत सका, लेकिन रानी पद्मावती को देखने तक का अवसर उसे नहीं मिला.

5/5
इस किले में कई महत्वपूर्ण स्मारक और स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने मौजूद हैं, जैसे विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, मीरा मंदिर, कालिका माता मंदिर और गौमुख कुंड. यह किला न केवल अपनी भव्यता के लिए बल्कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के कारण भी विश्व प्रसिद्ध है. साल 2013 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली, जिससे इसकी ऐतिहासिक महत्ता और अधिक बढ़ गई.