36 साल बाद हुआ मर्डर केस का फैसला, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, जानिए पूरा मामला
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36 साल बाद हुआ मर्डर केस का फैसला, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, जानिए पूरा मामला

चूरू शहर में 9 सितंबर 1986 को लीलगरों की मस्जिद के पास हत्या की वारदात कारित की गई. कोतवाली थाने में 7 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

36 साल बाद हुआ मर्डर केस का फैसला, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, जानिए पूरा मामला

Churu: चूरू में आपसी रंजिश के चलते बाद हत्या मामले में घटना के 36 साल बाद एडीजे कोर्ट ने आज फैसला सुनाया. कोर्ट ने मुख्य दो आरोपियों हिदायत खान और नानू खान को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है.

वर्ष 1986 में चूरू में सिनेमा हॉल की टिकिट की बात को लेकर हुई लड़ाई आपसी रंजिश में बदल गई व मारपीट ने एक व्यक्ति की मौत हो गई. उसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 गवाहों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर अपना फैसला सुनाया.

चूरू शहर में 9 सितंबर 1986 को लीलगरों की मस्जिद के पास हत्या की वारदात कारित की गई. कोतवाली थाने में 7 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. अपर लोक अभियोजक एडीजे कोर्ट अनीश खान ने बताया कि चूरू की लीलगर मस्जिद के पास सफी खां की पीटकर हत्या की गई थी. सिनेमा हॉल की टिकट की बात को लेकर इब्राहिम, जाफर, निजामुद्दीन, हिदायत, हसन, नानू खान और प्रताप खान ने लाठियों से मारपीट की. जिसमें अयूब खान, लाल खान और सफी खान गंभीर घायल हो गए.

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इलाज के दौरान 3 दिन के बाद सफी खान की गंभीर चोटों की वजह से चूरू के राजकीय डीबी जिला अस्पताल में मौत हो गई थी. अयूब खान के पर्चा बयान के आधार पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. इस बीच साल 1989 में इब्राहिम द्वारा दाखिल करवाई गई. निगरानी में पत्रावली हाईकोर्ट जोधपुर गई. जहां पत्रावली गुम हो गई.

वर्ष 2007 में हाईकोर्ट के आदेश पर पत्रावली फिर से तैयार की गई और इस मामले की सुनवाई 2008 में फिर से शुरू की गई. आज मंगलवार को एडीजे अनिता टेलर ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी हिदायत और नानू खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पीड़ित पक्ष की पैरवी रोशन सिंह राठौड़ व महेश प्रताप सिंह राठौड़ ने की तो वहीं अभियोजन की तरफ से पैरवी एपीपी अनीश खान ने की.

Reporter- Gopal Kanwar

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