Rajasthan News: कलेक्टर की पहल पर विभाग ने जिले के सरकारी स्कूलों में शुरू किया कोड चूरू अभियान स्टूडेंट्स को तकनीकी दक्ष बनाना मकसद, 9 से 12वीं के स्टूडेंट्स को सिखाएंगे वेबसाइट व सॉफ्टवेयर बनाना, छात्रों के लिए खुलेंगे रोजगार के रास्ते , स्कॉलरशिप भी मिलेगी.
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Rajashan News: आज के इस आधुनिक दौर में टेक्नोलॉजी आधारित जॉब्स की ज़बरदस्त धूम हैं. वेबसाइट व सॉफ्टवेयर IT सेक्टर में जॉब्स के अवसर भी बढ़ रहे हैं, IT सेक्टर में असीम संभावनाओं के चलते देश के युवाओं का आज इस सेक्टर की ओर आकर्षित भी हो रहा हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों और गरीब तबके के बच्चों के लिए आज भी IT सेक्टर में जाना एक सपना ही हैं, क्योंकि एक तो ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी के साथ साथ संसाधनों का अभाव और महंगी पढ़ाई के चलते यह क्षेत्र ग्रामीण इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों की पहुंच से दूर है. लेकिन अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भी IT सेक्टर में जाने का सपना साकार हो सकेगा. यह सब जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा के प्रयासों से होगा.
जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12वीं तक के करीब 67439 हजार स्टूडेंट्स को हिंदी में फ्री कोडिंग सिखाने के लिए नवंबर में विभाग ने कोड चूरू अभियान की शुरुआत की है. कोड चूरू अभियान को कोड योगी (गैर सरकारी संस्था) के सहयोग से चलाया जा रहा है. इस संस्था ने ऑनलाइन स्मार्टफोन आधारित हिंदी में फ्री सिलेबस बनाया है. इससे स्टूडेंट्स वेबसाइट, सॉफ्टवेयर व एप्लीकेशन बनाने सहित अन्य बारीकियां सीखेंगे. यह अभियान कलेक्टर अभिषेक सुराणा की पहल पर शुरू किया गया है. इससे रोजगार के रास्ते खुलेंगे.
सीडीईओ गोविंदसिंह राठौड़ ने बताया कि अब तक जिले के 604 में से 459 स्कूल के 67439 में से 7905 स्टूडेंट्स जुड़ चुके हैं. तारानगर ब्लॉक के सभी 68 स्कूल इस कोड से जुड़ चुके हैं, जबकि बीदासर में 54 में से 41, चूरू के 84 में से 74, राजगढ़ के 107 में से 67, रतनगढ़ के 87 में से 71, सरदारशहर के 122 में से 70 एवं सुजानगढ़ ब्लॉक के 82 में से 68 स्कूल जुड़ गए हैं.
कलेक्टर अभिषेक सुराणा का कहना है कि 9 वी से 12वीं तक स्टूडेंट्स अमूमन स्मार्ट फोन रखने एवं उसे चलाने की समझ रखने लग जाते हैं, इसलिए इन क्लासों के स्टूडेंट्स को कोडिंग सिखाने के लिए कोड चूरू अभियान शुरू किया. अभियान के दौरान रूचि रखने वाले स्टूडेंट्स को चिह्नित किया जाएगा. इसके लिए सीडीईओ ने दो टीमें बना रखी हैं, जो स्कूल को जोड़ने एवं उनकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग कर रही हैं. इस अभियान से 67 हजार में से रूचि रखने वाले 100 से 200 स्टूडेंट्स भी चिह्नित होते हैं, तो ग्रीष्मकालीन अवकाश में कैंप लगाकर उन्हें जॉब आधारित ट्रेनिंग दी जाएगी. तकनीकी महारथ हासिल करने वाले चिह्नित स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिलेगी. छह महीने की ऑन जॉब ट्रेनिंग के बाद बड़े पैकेज वाली कंपनियों में रोजगार का अवसर मिल सकेगा. ऑनलाइन स्मार्टफोन आधारित हिंदी सिलेबस, जिसे कोड योगी की टीम सीखा रही है.
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अशोक पारीक ने बताया कि स्टूडेंट्स को कोड चूरू से जोड़ने के लिए स्कूल के यू डाइस कोड डालकर लिंक जनरेट किया जाता है. इस लिंक को प्रत्येक क्लास के वॉट्सएप ग्रुप तक पहुंचाया गया है. जारी लिंक को स्टूडेंट्स क्लिक करने पर टेलीग्राम एप से रजिस्ट्रेशन हो जाता है. इसमें स्टूडेंट्स को बेसिक प्रोग्रामिंग से हाई लेवल तक सिखाई जाती है. ऑनलाइन स्मार्टफोन आधारित हिंदी में सिलेबस को कोड योगी की टीम सिखाती है. आगे कोड चूरू की वेबसाइट भी बनेगी, जिस्से स्टूडेंट मोटिवेट होंगे.
कोड चूरू अभियान के तहत विभाग की ओर से वेबसाइट बनाने का काम किया जा रहा है. जिलास्तरीय मॉनीटरिंग टीम ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. सभी प्रधानाचार्य को कोड चूरू के बारे में जानकारी दी जा रही है. 8 सदस्यीय मॉनीटरिंग टीम ने ब्लाक वाइज प्रभारी बना दिए हैं. अगले एक महीने में 67 हजार प्लस स्टूडेंट्स को जोड़ा जोड़ने की मुहिम चल रही है. कोड चूरू क के माध्यम से विभाग छात्रों को रोचक, रचनात्मक एवं तकनीकी क्वॉलिटीयुक्त टीचिंग करवाने की तैयारी में जुट गया है. स्टूडेंट्स इस सिलेबस के माध्यम से एचटीएमएल, सीएसएस, जेएवीए, एससीआरआईपीटी, आईएसीटी एवं एसक्यूएल जैसी कंप्यूटर भाषाएं हिंदी में फ्री सीख सकेंगे. अब कोड चूरू में बेस्ट परफोरमेंस देने वाले स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा खुद इसे लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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Reported By- नवरतन प्रजापत