Dholpur News: राजस्थान के पांचवे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व एरिया की स्वीकृति की कागजी खानापूर्ति पूरी
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Dholpur News: राजस्थान के पांचवे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व एरिया की स्वीकृति की कागजी खानापूर्ति पूरी

Dholpur News: राजस्थान के पांचवे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व एरिया की स्वीकृति के साथ ही कागजी खानापूर्ति पूरी हो चुकी है. कोर एरिया घोषित हो चुका हैं और बफर एरिया को चिन्हित कर प्रस्ताव बना कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया हैं. 

Dholpur News: राजस्थान के पांचवे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व एरिया की स्वीकृति की कागजी खानापूर्ति पूरी
Dholpur News: राजस्थान के पांचवे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व एरिया की स्वीकृति के साथ ही कागजी खानापूर्ति पूरी हो चुकी है. कोर एरिया घोषित हो चुका हैं और बफर एरिया को चिन्हित कर प्रस्ताव बना कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया हैं. टाइगर रिजर्व एरिया के लिए धौलपुर और करौली जिले की 31 ग्राम पंचायतों में आने वाली जमीन को उपयुक्त माना हैं. 
 
जिसमें धौलपुर जिले के 60 और करौली जिले 48 गांव शामिल हैं. इन ग्राम पंचायतों में आने वाले 108 गांव और ढाणियों को विस्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद प्रक्रिया चालू हो जायेगी. विभाग द्वारा विस्थापित परिवारों को जमीन या फिर मुआवजा राशि दी जायेगी. लेकिन जमीन अधिक नहीं होने पर मुआवजा राशि दी जायेगी.
 
टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल एक हजार 75 वर्ग किलोमीटर हैं। जिसमें 599 स्क्वायर किलोमीटर कोर एरिया हैं और 457 स्क्वायर किलोमीटर बफर एरिया शामिल हैं. उप वन संरक्षक वन्यजीव नाहर सिंह ने बताया कि धौलपुर जिले में पांच सेंचुरी हैं, जिनमें केशरबाग, वन विहार, रामसागर, चम्बल अभ्यारण और धौलपुर सेंचुरी शामिल हैं. इसको मिलकर धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इसका कोर घोषित हो चुका हैं और बफर जोन चिन्हित कर केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव बना कर भेजा गया है. केंद्र सरकार से स्वीकृति आने के बाद जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.
 
धौलपुर के जंगलो में पैंथर,भालू और अन्य वन्यजीव अच्छी मात्रा में हैं. विस्थापन की प्रक्रिया को लेकर ग्रामीणों से वार्ता कर ली हैं. जिन लोगों के पास सुविधाएं नहीं हैं उन लोगों को टाइगर रिजर्व से बाहर लाने की कार्रवाई की जायेगी. मुआवजे में 21 साल से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को 15 लाख रूपये दिए जाएंगे. परिवार में पांच सदस्य 21 साल से ऊपर हैं तो प्रत्येक सदस्य को 15-15 लाख रूपये दिए जाएंगे.
 
टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ अन्य वन्यजीव भी दिखाई देंगे. सरमथुरा रेंज में वन्यजीवों की गणना के अनुसार 40 से अधिक पैंथर, 250 के करीब गीदड़, 25 के आस-पास हाइना, 10 से 15 लोमड़ी, 15 से 20 भेड़िया, 25 से 30 भालू, 25 के आस-पास सांभर व इतने बगरबिज्जू मौजूद हैं. अभयारण्य में 400 के करीब नीलगाय, 500 से अधिक जंगली सूअर भी विचरण करते हैं. बता दें कि करौली व धौलपुर जिले का डांग इलाके का जंगल काफी घना है और वन्यजीवों के लिए यह क्षेत्र काफी अनुकूल है.
 
धौलपुर की सीमा में वर्तमान में 5 बाघों को मूवमेंट है. इसमें दो वयस्क व 3 शावक हैं. वयस्क बाघों के नाम टी-116 और टी-117 हैं. वहीं, धौलपुर व करौली के क्षेत्र में टी-2303 मादा टाइगर भी घूम रही है. ये करौली के मण्डरायल से धौलपुर के दमोह के जंगल में देखी गई है. अभी स्थायी ठिकाना नहीं बनाया है.
 
टाइगर रिजर्व के संभवतया अगले साल के शुरुआत तक पर्यटकों के लिए शुरू होने की संभावना है. टाइगर रिजर्व से धौलपुर पर्यटन मानचित्र के नक्शे पर उभर सकेगा. अभी तक धौलपुर में जो पर्यटक आते हैं वे चंबल सफारी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यह ज्यादा विकसित नहीं है. टाइगर रिजर्व के शुरू होने से एनसीआर क्षेत्र से पर्यटक यहां काफी संख्या में पहुंच सकेंगे.

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