सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चारागाह भूमि आवंटन की मंशा पर एएजी की रोक
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सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चारागाह भूमि आवंटन की मंशा पर एएजी की रोक

युवाओं को स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उपखंड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने की घोषणा की थी लेकिन अब सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चारागाह भूमि आवंटन की मंशा पर एएजी ने रोक लगा दी है.

सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चारागाह भूमि आवंटन की मंशा पर एएजी की रोक

Jaipur: प्रदेश सरकार की ओर से युवाओं को स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उपखंड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने की घोषणा की थी. अब नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन आवंटन सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है. सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चारागाह भूमि आवंटन की मंशा पर एएजी ने रोक लगा दी है. एएजी ने रीको के लिए चारागाह भूमि के आवंटन को लेकर स्पष्ट मना कर दिया और कहा कि चारागाह भूमि रीको को आवंटित नहीं की जा सकती. अब सरकार कलक्टरों के प्रस्ताव पर नया रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है.

औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ब्लॉक पर जमीन नहीं मिलने पर सरकार की ओर से चारागाह भूमि से जमीन आवंटन की तैयारी की जा रही थी. इसके लिए 30 से ज्यादा कलक्टरों ने सरकार के पास प्रस्ताव भी भेजे थे. हालांकि कई बार राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मौखिक रूप से आवंटन के लिए भी कहा गया, लेकिन विधि अधिकारियों ने कानूनों का हवाला दिया तो सरकार की ओर से एएजी से इस मामले में राय मांगी गई. एएजी अनिल मेहता ने रीको को चारागाह भूमि आवंटन के मामले में 20 अक्टूबर को सरकार को स्पष्ट कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि जनहित में चारागाह भूमि रीको को आवंटित नहीं की जा सकती. रीको को यदि औद्योगिक विकास के लिए जमीन की आवश्यकता हो तो कृषि भूमि को अवाप्त कर आवंटित कर सकते. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि कहीं जमीन आवंटन की आवश्कता हो तो कोर्ट की बिना अनुमति नहीं की जाए. नहीं तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.

अब औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन आवंटन सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. हालांकि सरकार की ओर से कलक्टरों के प्रस्तावों पर नए तरीके से विचार किया जा रहा है. अब राजस्व विभाग में भी आनंद कुमार की जगह अर्पणा अरोड़ा ने प्रमुख सचिव के रूप में पदभार संभाला है. इस मामले में नए सिरे से जमीन आवंटन को लेकर चर्चा की जाएगी. अभी कलक्टरों के प्रस्तावों पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है.

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