Ashok Gehlot : सीएम गहलोत ने सरकारें बदलने के नुकसान बताए. अगर सरकार नहीं बदलती, तो रिफाइनरी शुरू हो जाती. पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स पूरा हो जाता. प्लास्टिक आधारित उत्पादन शुरू हो जाता. लाखों-हज़ारों लोगों को फायदा मिलता.
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Ashok Gehlot : राजस्थान की रिफाइनरी पर सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मन्त्री हरदीप पुरी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आ रहे हैं तो ये बोलने आए हैं. सीएम ने पूछा कि रिफाइनरी में किसके कारण देरी हुई? बीजेपी सरकार ने रिफाइनरी में पांच साल देरी क्यों की? 40 हज़ार करोड़ का प्रोजेक्ट 70 हज़ार करोड़ का हुआ. बीजेपी की गलतियों ने प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाई. रिफाइनरी पर कम्पनी बनी हुई है. मैं कम्पनी वालों से बात करके पूरा मामला पता करूंगा. रिफाइनरी तो बनकर रहेगी.
सरकारें बदलने के बताए नुकसान
अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार बदलने का नुकसान देख लीजिए. अगर सरकार नहीं बदलती, तो अब तक रिफाइनरी शुरू हो जाती. पेट्रोकेमिकल हब शुरू हो जाता, लाखों लोगों को रोजगार मिलता. इस बार जनता को चाहिए कि वो सरकार रिपीट करे, सीएम गहलोत ने सरकारें बदलने के नुकसान बताए. अगर सरकार नहीं बदलती, तो रिफाइनरी शुरू हो जाती. पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स पूरा हो जाता. प्लास्टिक आधारित उत्पादन शुरू हो जाता. लाखों-हज़ारों लोगों को फायदा मिलता. सरकार बदलने का नुकसान यह होता है. जबकि हम बीजेपी सरकार के काम को नहीं रोकते. ईआरसीपी को भी हम मना नहीं कर रहे हैं. वसुंधरा राजे के वक्त शुरू हुए काम को हम आगे बढ़ा रहे हैं. यह हमारी अप्रोच है , बीजेपी की अप्रोच उल्टी है. इसलिए मैं जनता को बार-बार कहता हूं कि सरकार रिपीट करें. जिससे हमारी लाई योजनाएं आगे और मजबूत हो सकें. अब हर पार्टी अपने मेनिफेस्टो में. हमारी घोषणाओं के आधार पर काम करेगी.
पेपर लीक अब राष्ट्रीय बीमारी बन गया
पेपर लीक अब राष्ट्रीय बीमारी बन गया है. बड़े पेपर माफिया को भी नहीं छोड़ेंगे. उन्हें जेल के पीछे ज़रूर भेजेंगे. गहलोत ने कहा कि हरियाणा मामला में राजस्थान पुलिस पर केस दर्ज कर लिया है. कानून अपना काम करे. उन्होंने एफआईआर दर्ज कर ली है तो क्लोज़ भी हो जाएगी. हमारे यहां भी एफआईआर कम्पलसरी है. मुल्जिम पकड़े जाने चाहिएं. बड़ी ही मार्मिक और निन्दनीय घटना है. ये लफंडर टाइप के लोग हैं. जो बजरंग दल, विहिप के नाम से काम करते हैं. ये बेईमान लोग हैं और असामाजिक तत्व हैं - पीएम ने खुद कहा कि ये असामाजिक तत्व हैं. एक बार वे चार साल पहले बोल गए - अगर बार-बार बोलते तो यह नौबत ही नहीं आती. बीजेपी को मालूम पड़ गया है कि उनका ग्राफ भी नीचे आ रहा है.
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