Jodhpur News: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आजादी के बाद पहले कुंभ का जिक्र करते हुए विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इससे पहले की कुंभ की बात करें तो 2013 में जिस तरह से भगदड़ मची और उस समय की तत्कालीन सरकार ने असंवेदनशीलता के साथ व्यवहार किया, वह शर्मनाक था.
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Jodhpur News: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आजादी के बाद पहले कुंभ का जिक्र करते हुए विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इससे पहले की कुंभ की बात करें तो 2013 में जिस तरह से भगदड़ मची और उस समय की तत्कालीन सरकार ने असंवेदनशीलता के साथ व्यवहार किया, वह शर्मनाक था.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे. यहां पर कार्यकर्ताओं द्वारा उनका स्वागत किया गया. इस अवसर पर मीडिया से मुखातिब होते हुए केंद्रीय मंत्री ने कुंभ के भव्य आयोजन को लेकर देशवासियों को बधाई दी. इसके साथ उन्होंने कहा कि कुंभ जैसे बड़े आयोजन में जिस तरह से व्यवस्थाएं की गई हैं, यह केस स्टडी की तरह आवश्यक है कि 45 दिन के इस महाकुंभ के आयोजन में विश्व भर से 45 करोड़ से ज्यादा लोग आ रहे हैं.
इसके साथ ही 50 से 60 लाख से ज्यादा लोग कुंभ में रहकर स्नान कर रहे हैं. कुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सकुशल किया जा रहा है. इसके साथ ही आजादी के बाद पहले कुंभ का जिक्र करते हुए विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इससे पहले की कुंभ की बात करें तो 2013 में जिस तरह से भगदड़ मची, उस समय की तत्कालीन सरकार ने असंवेदनशीलता के साथ व्यवहार किया, कुंभ की व्यवस्थाओं को देखे तो तत्कालीन सरकार कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर किस तरह से उदासीन थी.
नेहरू जी के कुंभ में जाने के कारण लोगों ने लिखित रूप से रिपोर्ट किया है कि कुंभ में भगदड़ मची थी, जिसमें 1000 से ज्यादा लोग उस भगदड़ में दिवंगत हो गए थे. क्योंकि आज की सरकार हमारी विरासत और संस्कृति का संरक्षण करने वाली सरकार है. निश्चित रूप से इस बार के कुंभ की व्यवस्थाएं पहले से बहुत अच्छी और बेहतर है.
1954 की भगदड़ की घटना को तत्कालीन सरकार ने दबाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1954 की ही एक घटना नहीं है. आजादी के बाद से इमरजेंसी लेकर 2014 तक इस पर ग्रंथ लिखे जा सकते हैं कि उन्होंने कैसे लोकतंत्र के सारे स्तंभों का गला घोटने की कोशिश की.
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की राजनीति और उनके नेतृत्व को लेकर अब वह बेनकाब हो चुके हैं. हिंदी में कहावत है हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और होते हैं उनका चाल चरित्र और चेहरा सबके सामने आ चुका है.