याचिका में कहा गया कि बस व ट्रकों के हॉर्न बजाने के कारण ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बारे में रिपोर्ट तो जारी करता है, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ किया नहीं जा रहा है.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, परिवहन आयुक्त, पुलिस महानिदेशक, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम व भारतीय मानक ब्यूरो से जवाब मांगा है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता व जस्टिस शुभा मेहता की खण्डपीठ ने यह आदेश विजय सिंह पूनिया की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि बस व ट्रकों के हॉर्न बजाने के कारण ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बारे में रिपोर्ट तो जारी करता है, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ किया नहीं जा रहा है. यह देखने में आया है कि आमतौर पर वाहन चालक बेवजह हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं.
ऐसे लोगों को सावचेत किया जाए कि जब तक आवश्यक नहीं हो, हॉर्न का इस्तेमाल नहीं किया जाए. ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण लोगों में अवसाद, अनिद्रा, पेट संबंधी बीमारियां व मानसिक तनाव की समस्या बढ़ रही हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
Reporter- Mahesh Pareek
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