Explainer: उदयपुर के बाद बीकानेर पूर्व राजघराने का विवाद चर्चा में आ गया है. FIR में राज्यश्री और विधायक सिद्धि कुमारी का नाम है. विस्तार से जानिए ये पूरा मामला क्या है?
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Bikaner Former Royal Family Dispute: उदयपुर के बाद अब बीकानेर के पूर्व राजघराने का विवाद भी चर्चा में है. अरबों रुपए की सम्पति को संचालित करने वाले 5 ट्रस्ट पूर्व राजघराने के सदस्यों ने बनाए थे और इन सभी का विवाद पुलिस थानों तक पहुंच गया है.
हाल ही में बीछवाल थाने में 2 FIR के अलावा सदर थाने में पहले भी FIR दर्ज हो चुकी है. इन FIR में महाराजा करणी सिंह की बेटी राज्यश्री और पोती सिद्धि कुमारी के नाम दर्ज है. दोनों स्पष्ट रूप से एक दूसरे के खिलाफ हैं.
क्या है बीकानेर के पूर्व राजघराने का विवाद
बीकानेर के पूर्व राजघराने के पास अरबों रुपए की संपत्ति है. इसमें लालगढ़ पैलेस, लक्ष्मी निवास पैलेस, जूनागढ़ शामिल हैं. इन तीनों की वर्तमान में बाजार में कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है.
इन्हीं पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए महाराजा करणी सिंह की बेटी और अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी और करणी सिंह के बेटे नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद है. दोनों इन पर अपने-अपने ट्रस्ट का अधिकार जता रही हैं.
इन ट्रस्टों के कारण विवाद
महाराजा करणी सिंह के समय और इसके बाद कुछ ट्रस्ट गठित किए गए. इनमें महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, महाराजा राय सिंह ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन, करणी चेरिटेबल ट्रस्ट व महारानी सुशीला कुमारी ट्रस्ट का गठन किया गया.
इन पांचों ट्रस्ट को पहले करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी ही देखती थीं. दरअसल, महाराजा करणी सिंह ने राज्यश्री को कुछ अधिकार दिए थे. जिसके बाद अधिकांश ट्रस्ट में वो ही सर्वेसर्वा रहीं.
किस ट्रस्ट के पास क्या?
वर्तमान में गंगा सिंह ट्रस्ट के अधीन लालगढ़ पैलेस और लक्ष्मी निवास पैलेस है. ये दोनों फाइव स्टार होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं. लालगढ़ और लक्ष्मी निवास की वर्तमान कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है.
दोनों पैलेस एक ही परिसर में है, जो कई बीघा जमीन पर बने हुए हैं. बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी लालगढ़ के ही एक हिस्से में निवास करती है. पहले राजमाता सुशीला कुमारी भी लालगढ़ के इसी हिस्से में रहती थी. उनके निधन के बाद से सिद्धि कुमारी यहां रहती हैं.
वहीं दूसरी तरफ रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ है. जहां प्राचीना नाम से एक म्युजियम का संचालन वर्तमान बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी करती हैं. ये संचालन उनके विधायक बनने से पहले से सिद्धि कुमारी के पास ही है.
सुशीला कुमारी के निधन के बाद बढ़ा विवाद
पूर्व महाराजा करणी सिंह की पत्नी राजमाता सुशीला कुमारी के निधन के बाद बुआ राज्यश्री और भतीजी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद बढ़ गया.
दरअसल, इसके बाद देवस्थान विभाग के एक आदेश ने राजघराने के विवाद को बढ़ा दिया. इस आदेश में देवस्थान विभाग के उदयपुर मुख्यालय ने सिद्धि कुमारी को ट्रस्ट का अधिकार दे दिया.
राज्यश्री ने इसी आदेश को लेकर अदालत में वाद दायर कर दिया. वहीं सिद्धि कुमारी ने पूरे ट्रस्ट को ही बदल दिया. अब सभी पांच ट्रस्ट विवादित हो गए. इन ट्रस्टों पर राज्यश्री का अपना दावा है, वहीं सिद्धि कुमारी का अपना दावा है.
दोनों ने अपने-अपने समर्थकों को इसमें शामिल किया है. विवाद से पहले सिद्धि कुमारी इन ट्रस्टों में थी लेकिन मीटिंग में नहीं आने सहित कुछ शिकायतों के चलते उन्हें हटा दिया गया था.
विधायक सिद्धि कुमारी पर ये हैं आरोप
बीछवाल थाने में 2 FIR दर्ज हुई हैं. इसमें एक FIR सिद्धि कुमारी के खिलाफ हुई है जो राज्यश्री कुमारी या उनके किसी ट्रस्ट सदस्य ने नहीं कराई है. ये FIR लक्ष्मी निवास होटल को संचालित करने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई है.
मिश्रा का आरोप है कि सिद्धि कुमारी उन्हें होटल संचालित करने में अड़चन पैदा कर रही हैं. FIR में कहा गया है कि सिद्धि कुमारी के पिता नरेंद्र सिंह ने उनकी फर्म के साथ 19-19 साल की तीन लीज डीड पर 15 जून 1999 को हस्ताक्षर किए थे.
57 साल के लिए हुई इस लीज के बदले उन्हें भुगतान किया गया. इसके बाद भी विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी पैलेस से बेदखल करने का डर दिखकर फरवरी 2011 तक चेक से 4 करोड़ रुपए वसूल लिए. बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर रुपए वापस नहीं लौटाये.
राज्यश्री पर ये मामला दर्ज
उधर, सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट में कोषाध्यक्ष की हैसियत से संजय शर्मा ने बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया है. पुलिस के अनुसार महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, करणी चैरिटेबल फंड्स ट्रस्ट, करणी सिंह फउंडेशन ट्रस्ट और महारानी श्री सुशीला कुमारीजी रिलीजियस एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में स्वयं को ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष बताते हुए संजय शर्मा ने FIR दी है.
इसमें आरोप है कि देवस्थान विभाग ने राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का नाम संशोधित कर दिया. इसके बाद जब 29 मई 24 को चार्ज लिया तो पता चला कि सामान खुर्द-बुर्द कर दिया गया है.
इस FIR में राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी के साथ ही वहां काम करने वाले हनुवंत सिंह, गोविन्द सिंह ओर राजेश पुरोहित के खिलाफ FIR करवा दी गई.
संपत्ति पर मालिकाना हक का झगड़ा
दरअसल, सभी ट्रस्ट पूर्व राजघराने की संपति पर मलिकाना हक जताते हैं. जो इन ट्रस्ट पर अधिकृत तौर पर काबिज होगा, वो ही इन संपत्तियों का संचालन भी करेगा. ऐसे में लालगढ़, लक्ष्मी निवास और जूनागढ़ पर आधिपत्य की ये लड़ाई पुलिस थाने तक पहुंच गई है. वहीं FIR के बाद राज्यश्री कुमारी ने Video जारी कर उनके खिलाफ साजिश की बात कही है.