Barmer News: राजस्थान में इन दिनों सूअरों की नसबंदी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसे भाजपा के विधायक ने उठाया है. यह मामला बाड़मेर जिला परिषद की एक सभा में उठाया गया, जिसमें सांसद-विधायक और कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे. इस दौरान कई मुद्दों पर नोक झोंक हुई और जिला प्रमुख ने सीएमएचओ को बैठक से बाहर निकाल दिया. सत्तापक्ष के विधायक ने जंगली सुअरों की नसबंदी करने का मुद्दा भी उठाया.
जिला परिषद की बैठक में जंगली सूअरों का मुद्दा गरमाया रहा, जो किसानों के लिए सरदर्द बने हुए हैं. सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने जंगली सुअरों की नसबंदी करने का सुझाव दिया, जिस पर कुछ सदस्यों ने असहमति जताई. लेकिन चौहटन से जिला परिषद सदस्य रूपसिंह राठौड़ ने इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि पहले पुरुषों की जबरदस्ती नसबंदी हुई थी, तो सुअरों की नसबंदी भी असंभव नहीं है.
जिला परिषद की बैठक में जंगली सूअरों का मुद्दा गरमाया रहा. एक सदस्य ने तो जंगली सूअरों को शूटआउट करने का सुझाव तक दे डाला. वहीं, चौहटन के सीमावर्ती इलाके से जिला परिषद सदस्य राजाराम भादू ने दावा किया कि ये सूअर पाकिस्तान से आते हैं और भारतीय किसानों की फसलें खराब करते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये सूअर किसानों पर हमला करते हैं और फिर वापस पाकिस्तान चले जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
बाड़मेर जिला परिषद की सभा में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को बैठक से बाहर निकाला गया. इस सभा में बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी ने स्वास्थ्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में पिछले 8 महीने से बंद पड़ी सिटी स्कैन मशीन के नए टेंडर जारी करने में हो रही देरी का मुद्दा उठाया. साथ ही, उन्होंने जिला अस्पताल में फर्जी डिग्री के आधार पर डॉक्टर को नियुक्ति देने का मुद्दा भी उठाया, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है.
बाड़मेर जिला परिषद की सभा में अध्यक्ष महेंद्र चौधरी ने मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विष्णु राम विश्नोई से जवाब मांगा कि मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन मशीन के टेंडर में देरी क्यों हो रही है. इस पर डॉ विश्नोई ने कहा कि यह टेंडर प्रक्रिया राजकीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के अधीन आती है, इसलिए वही टेंडर जारी करेंगे. इसके अलावा, फर्जी डिग्री के आधार पर डॉक्टर को नियुक्ति के मामले में डॉ विश्नोई ने जानकारी नहीं होने की बात कही, क्योंकि उन्होंने अभी-अभी पदभार संभाला है.
महेंद्र चौधरी ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि वे बाहर जाकर अपने विभाग के अधिकारियों से चर्चा करें और उसके बाद सदन में उपस्थित होकर जवाब दें. उन्होंने कहा कि तबादला और पदभार निरंतर प्रक्रिया है, जिससे जनता के काम प्रभावित नहीं होते. उन्होंने अधिकारी के जवाब को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इस तरह का जवाब सदन में देना उचित नहीं है.
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