Hariyali Teej 2024: राजस्थान में हरियाली तीज की धूम, रंग-बिरंगे कपड़ों में सजी दिखी महिलाएं, घेवर की खुशबू से महका शहर
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Hariyali Teej 2024: राजस्थान में हरियाली तीज की धूम, रंग-बिरंगे कपड़ों में सजी दिखी महिलाएं, घेवर की खुशबू से महका शहर

Hariyali Teej 2024: राजस्थान में सभी त्योहार बहुत उत्साह और धूम-धाम से मनाए जाते हैं. इसी तरह सिंजारे के त्योहार की भी अलग विशेषताएं और उमंग होती है. राजस्थान को यहां की कला, संस्कृति और त्योहार विशेष बनाती हैं. जिसे यहां पर बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है और सावन का महिना महिलाओं के लिए विशेष है.

Hariyali Teej

Hariyali Teej 2024: राजस्थान में सभी त्योहार बहुत उत्साह और धूम-धाम से मनाए जाते हैं. इसी तरह सिंजारे के त्योहार की भी अलग विशेषताएं और उमंग होती है. हरियाली तीज से एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस त्योहार का महिलाओं को इंतजार रहता है. क्योंकि इस दिन महिलाओं का काफी लाड-कोड किया जाता है. 

 

राजस्थान को यहां की कला, संस्कृति और त्योहार विशेष बनाती हैं. जिसे यहां पर बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है और सावन का महिना महिलाओं के लिए विशेष है. क्योंकि ये माह महिलाओं के लिए अनेक त्योहार लेकर आता है. इनमें से एक सिंजारे का त्योहार है. सिंजारा एक पारंपरिक त्योहार है. जो हरियाली तीज के एक दिन पहले यानि श्रावन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है. 

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इस दिन नवविवाहित महिलाओं को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन ससुराल पक्ष से नवविवाहित महिलाओं के लिए सिंजारा आता है. जिसमें मुख्य रूप से कपड़े, मिठाई, सोने-चांदी के आभूषण और अन्य जरूरी सामान होता है और इन सब से नवविवाहित महिलाओं का लाड किया जाता है.

 

सिंजारे के दिन महिलाएं रंग बिरंगे परिधान और आभूषण पहनकर तैयार होती हैं, मेहंदी लगाती है और अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उत्सव मनाती हैं. अलग-अलग डिजाइन के साथ महिलाएं सिंजारे की मेहंदी लगाती हैं, जिसे लेकर उनमें खास उत्साह देखा जाता है.

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इस दिन विशेष रूप से मिठाइयां और अन्य पकवान बनाए जाते हैं. जिनमें घेवर अलग महत्व होता है. आज सिंजारे के त्योहार को लेकर घेवर जैसी स्पेशल मिठाई को खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. जिनकी खुशबू से पूरा बाजार महक रहा है. इसके साथ ही घेवर की मिठास रिश्तों में भी मिठास भर देती है.

 

सिंजारे का त्योहार इसलिए भी अहम है क्योंकि ये महिलाओं के सौंदर्य और खुशहाली का प्रतीक है. ये दिन महिलाओं को अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है और परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का एक अवसर होता है. इस दिन झूला झूलने का भी विशेष महत्व होता है. 

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सावन का महीना पति-पत्नि के रिश्ते की डोर को भी और मजबूत करता है. इस महीने में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. सावन का महीना पारिवारिक एकता को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि इस महीने में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्रत, त्योहार आते हैं.

 

जो परिवार एक साथ मिलकर मनाता है. जो आपसी संबंधों को मजबूत करता है और उनके रिश्तों में और मिठास आती है. यहां की संस्कृति इतनी विशेष है कि ये विदेशों में भी इतनी विख्यात है. दूर-दूर से लोग यहां घूमने, त्योहार मनाने और यहां के पारंपरिक खाने का स्वाद लेने के लिए आते हैं. यहां की मिठास और महक दूर दराज तक पहुंच रही है. जो सब को यहां खींचे आने को मजबूर कर रहा है.

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