Jaipur cylinder blast incident: कल की ही तो बात है, जब सुबह पर फोन पर बात हुई थी कि अगले माह आएंगे. हर बार की तरह,जयपुर से बिहार मोतिहारी अपने घर अपनों के बीच, क्या पता था कि फोन पर हो रही ये बात आखिरी है. मां के आंचल में ही जल गया 2 साल का दिलखुश, दीवार से परिवार का चिपका हुआ शव मिले हैं. दरअसल ये दर्द जयपुर के अग्निकांड का है.
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Jaipur cylinder blast incident: नहीं पता था कि गुरुवार की सुबह जयपुर में रह रहे बिहार,मोतिहारी के एक मजदूर परिवार की आखिरी सुबह है. नहीं पता था कि अबतक की फोन कॉल्स और अपनों से होने वाली सारी बातों पर पूर्ण विराम लग जाएगा. नहीं पता था कि जिस गैस सिलेंडर से परिवार के लिए रोटी पकती है,
वहीं, गैस सिलेंडर एक दिन मौत की वजह बन जाएगा. ऐसी दर्दनाक मौत देगा कि बिहार से लेकर पूरा राजस्थान सिहर जाएगा. सबकुछ बुरी तरह खत्म हो जाएगा. मौत भी इतनी बेदर्द होगी कि अपनों को शव भी पहचाननें में संदेह होगा. क्यों आई थी ये मनहूस सुबह. आखिर कहीं चूक हुई थी या फिर निष्ठुर नियती की क्रूरता.
बता दें कि बीते दिन राजस्थान की राजधानी जयपुर में बेहद दर्दनाक हादसा हुआ है.यहां एक घर में आग लगने से पांच लोग जिंदा जल गए थे. मरने वालों में 3 बच्चे और उनके माता पिता शामिल हैं. इस अग्निकांड के बाद मातम पसरा हुआ है. ये हादसा जयपुर के विश्वकर्मा थाना क्षेत्र के जैसल्या गांव में सुबह 7 बजे के आसपास हुआ था.
अगले माह राजेश के घर आनें का इंतजार करने वालों को जब उसकी मौत की खबर मिली तो जमीन खिसक गई. जब पता चला कि राजेश का पूरा परिवार जयपुर अग्निकांड में जलकर खत्म हो गया है, सभी के शव एक साथ दीवार के कोनें में चिपके मिले. तो हर तरफ सन्नाटा पसर गया. गांव वालों को दिन में भी अंधेरा दिखने लगा.
मासूमों की मौत से सब लोग सदमें में चले गए. क्यों इनकी मौत बहुत ही बेरहम थी. मृतकों की पहचान मधुबनी निवासी सोनेलाल राय के दूसरे बेटे राजेश (26), उसकी पत्नी रूबी (24), ईशु (7), दिलखुश (2) और खुशमानी (4) के रूप में हुई है. राजेश रोजी-रोटी के लिए 15 साल पहले ही जयपुर गया था.
सोनेलाल राय के तीन लड़के हैं, सबसे बड़ा अनीश राय जो घर पर रहकर खेती करता है, दूसरा राजेश था जो जयपुर में फैक्ट्री में काम करता था और सबसे छोटा मनीष है जो पहले राजेश के साथ ही रहता था. जानकारी के मुताबिक, बिहार का परिवार यहां किराये पर रहता था. बताया जा रहा है कि रात को जब परिवार के सभी लोग सो रहे थे, उस वक्त घर में आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि घर में फंसे लोगों को बाहर निकलने का कोई मौका नहीं मिला. आग से बचने के लिए सभी एक कोने में चले गए और सभी लोग जिंदा जल गए.
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