Jaipur News: प्रदेशवासियों को मिलेगी आस्था की नई सौगात, जल्द ही श्रद्धालुओं से लिए खुलेगा गुप्त वृंदावन धाम
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Jaipur News: प्रदेशवासियों को मिलेगी आस्था की नई सौगात, जल्द ही श्रद्धालुओं से लिए खुलेगा गुप्त वृंदावन धाम

Jaipur News: आराध्य गोविंद देव की नगरी में आस्था का नया केन्द्र बनने जा रहा है. जल्द ही आस्था की नई सौगात प्रदेशवासियों को मिलेगी.

Jaipur News: प्रदेशवासियों को मिलेगी आस्था की नई सौगात, जल्द ही श्रद्धालुओं से लिए खुलेगा गुप्त वृंदावन धाम

Jaipur News: आराध्य गोविंद देव की नगरी में आस्था का नया केन्द्र बनने जा रहा है. जल्द ही आस्था की नई सौगात प्रदेशवासियों को मिलेगी. मरूधरा में प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज,आराध्य देव गोविंद देव जी सहित कई प्रसिद्ध मंदिरों के बाद अब गुप्त वृंदावन धाम भी जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहा है.

जयपुर को प्राचीन काल से ही गुप्त वृंदावन कहा जाता है जयपुर में आस्था का नया केंद्र आकार ले रहा है. जगतपुरा में हरे कृष्णा मार्ग पर 6 एकड़ जमीन पर 300 करोड़ की लागत से बन रहे इस गुप्त वृंदावन धाम का 70 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. यह 17 मंजिला भव्य मंदिर 2027 में जयपुर स्थापना की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पूरा होगा. खास बात ये है कि यह राजस्थान का सबसे बड़ा मंदिर और सांस्कृतिक परिसर होगा.

मंदिर परिसर में भव्य मूर्तियां होगी स्थापित

कृष्ण-बलराम, राधा-श्यामसुंदर और गौरा-निताई की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. मंदिर के भव्य हॉल में हजारों लोग एक साथ बैठकर दर्शन कर सकेंगे. इसके अलावा, यहां कृष्ण लीला एक्सपो, हरिनाम मंडप, गीता प्रदर्शनी और प्रसादम हॉल जैसी विशेष सुविधाएं भी होंगी. बता दें कि इसका निर्माण हरे कृष्णा मूवमेंट जयपुर करवा रहा है.

जाने कैसा होगा मंदिर का आकार

{पहला अंडर ग्राउंड पार्किंग, दूसरा - बुक स्टोर, आरो प्लांट, मेंटेनेंस स्टोर , ग्राउंड फ्लोर - कन्वेंशन, डाइनिंग, अन्नदान हॉल. वहीं फर्स्ट फ्लोर- गीता एग्जीबिशन, श्रील प्रभुपाद एग्जीबिशन, ‘गुप्त वृंदावन’ की कहानी का एक्सपो, जिसे 3डी आर्ट और एनिमेशन से दिखाया जाएगा एजुकेशन हॉल, थिएटर. दूसरे और तीसरे और चौथे फ्लोर को मिलाकर मंदिर बनेगा - कृष्ण-बलराम, राधा-श्यामसुंदर और गौरा-निताई की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, एजुकेशन हॉल पांचवां फ्लोर.

आकषर्ण का केन्द्र ‘मयूर द्वार’

मंदिर में 6 द्वार होंगे. मयूर द्वार मुख्य होगा. द्वारिका के मंदिरों की तरह इस पर 108 मोर बनाए जाएंगे. दूसरा ‘हंस द्वार’ होगा. जगन्नाथपुरी मंदिर की तरह पूरब और पश्चिम में 2-2 द्वार होंगे, जिन्हें सिंह द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ति द्वार, अश्व द्वार नाम दिए जाएंगे। मंदिर में परिक्रमा मार्ग भी बनाया जाएगा.

शिखर पर होगी कमान छतरी

गुप्त वृंदावन धाम में राजस्थानी शैली और आधुनिक डिजाइनों से जुड़ा आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा. शिखर पर राजस्थानी आर्किटेक्चर में छतरी बनेगी. दीवारों पर फसाड़ कांच लगेंगे. आर्किटेक्ट मधु पंडित दास हैं, जिन्होंने विश्व का सबसे बड़ा वृंदावन चंद्रोदय मंदिर भी डिजाइन किया है.

​बहरहाल,भगवान श्री कृष्ण के तीन प्रमुख विग्रह जयपुर और करौली के मंदिरों में प्रतिष्ठित हैं, जिनमें जयपुर में श्री गोविन्द देवजी और श्री गोपीनाथ जी, और करौली में श्री मदन मोहन जी का विग्रह शामिल हैं. इन विग्रहों का संबंध श्री कृष्ण के स्वरूप से है, जो पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के मुख, वक्षस्थल, बाहु और चरणों से मेल खाते हैं. ये विग्रह विशेष रूप से वृंदावन से लाए गए थे. जयपुर स्थापना की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरा हो जाएगा, जिसके बाद लाखों श्रद्धालु अपने ठाकुर के दर्शन कर सकेंगें.

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