Jaipur News: ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया अब शुरू हो रही है. 4 महीने में ग्राम पंचायतों का भूगोल बदलेगा.ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन की प्रक्रिया की जा रही है,जिसके बाद अब जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए है.
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Jaipur News: ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया अब शुरू हो रही है. 4 महीने में ग्राम पंचायतों का भूगोल बदलेगा.ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन की प्रक्रिया की जा रही है,जिसके बाद अब जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए है.
ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठित और नवसृजित के प्रस्ताव मांगे गए है. इसके तैयार कराने से लेकर राज्य सरकार से अनुमोदन कराए जाने तक की प्रक्रिया के लिए जिला कलक्टरों को अधिकृत किया है. अब जिलों से प्रस्ताव आना शुरू हो गए है. 18 फरवरी तक कलेक्टर ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार कराएंगे.
20 फरवरी से 21 मार्च तक प्रस्तावों को प्रकाशित करके आपत्तियां आमंत्रित करेंगे. 23 मार्च से 1 अप्रैल तक आपत्तियों का निस्तारण करेंगे.3 अप्रैल से 15 अप्रैल तक आपत्तियों के निस्तारण के बाद फाइनल प्रस्ताव पंचायती राज विभाग को भिजवाएंगे. फिलहाल नई पंचायत समितियों के गठन में सियासी नफा-नुकसान तलाश रहे है. सरकार ने ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने के लिए स्पष्ट प्रावधान किए है. इसके बाद भी लोगों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. उनकी आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही प्रस्ताव आगे बढ़ेगा.
जिन पंचायत समितियों में 40 या उससे अधिक ग्राम पंचायतें और 2 लाख या उससे अधिक आबादी है तो उनका पुनर्गठन किया जाएगा. पुनर्गठित और नवसृजित पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों की संख्या न्यूनतम 25 रखनी होगी. जैसे किसी पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतें हैं तो नवसृजित एक पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें और अन्य में 17 ग्राम पंचायतें होगी. जिला कलेक्टर प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनुकूल होने पर नजदीकी या किसी एक या एक से अधिक पंचायत समितियों में से 8 ग्राम पंचायतें लेकर 17 ग्राम पंचायतों वाली पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें रख सकेंगे.
पुनर्गठन के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना जाएगा. ग्राम पंचायत के प्रस्ताव तैयार करने के लिए न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम 5500 की जनसंख्या हो सकती है. सहरिया क्षेत्र किशनगंज,शाहबाद और चार मरुस्थलीय जिलों बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर के लिए न्यूनतम जनसंख्या 2000 और अधिकतम 4000 की आबादी प्रावधान किया है. यही प्रावधान अनुसूचित क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिला और उदयपुर जिले के लिए भी है. ग्रामवासियों की मांग पर उनके गांव को दूसरी ग्राम पंचायत में शामिल किया जा सकेगा,लेकिन उसकी दूरी 6 किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो सकेगी.