जयपुर न्यूज: तकनीकी मदद से स्पेशल केसों की त्वरित जांच पुलिस करेगी. इसको लेकर Quick Investigation Disposal Team गठित हुई है.पुलिस अधिकारियों की माने तो इस टीम का कार्य अनुसंधान अधिकारियों को तकनीकी मदद देना होगा.
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जयपुर: राजस्थान पुलिस अब विशेष केसों की जांच बिना देर लगाए त्वरित गति से पूरा करेगी. इन केसों की जांच में तकनीकी मदद के लिए क्विक इन्वेस्टीगेशन डिस्पोजल टीम का गठन किया जा रहा है. प्रत्येक जिले में एक टीम होगी जो तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर केसों सुलझाने में मदद करेगी.
गृह विभाग ने इस टीम के गठन के लिए पदों और संसाधनों की प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दे दी है.प्रदेश में राजस्थान पुलिस के सामने कई बार ऐसे केस आ जाते हैं जिनमें त्वरित अनुसंधान करना जरूरी होता है. इन केसों की जांच में तकनीकी बाधाएं आने के कारण जांच आगे नहीं बढ़ पाती है. वहीं मामले की जांच तेज गति से आगे नहीं बढ़ने के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति तक उत्पन्न हो जाती है.
इन मामलों के कारण एक तरफ पुलिस को केस की जल्द निस्तारण के लिए कोर्ट की फटकार मिलती है. वहीं दूसरी ओर मामला संगीन होने के कारण सरकार में भी दबाव रहता है. ऐसे में विशेष तकनीकी योग्यता रखने वाली क्विक इन्वेस्टिगेशन डिस्पोजल टीम गठित करने की बात पर सहमति बनी.
इसके लिए पीएचक्यू से प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया. इसके बाद सीएम गहलोत ने बजट में क्विक इन्वेस्टीगेशन टीम की घोषणा की. इधर पुलिस मुख्यालय से भेजे गए प्रस्ताव को वित्त विभाग भेजा गया. वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद गृह विभाग से टीम गठित करने के प्रशासनिक वित्तीय आदेश जारी किए गए.
टीम का यह रहेगा प्रमुख कार्य
पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस टीम का कार्य अनुसंधान अधिकारियों को तकनीकी मदद देना होगा. जैसे किसी वांछित अपराधी, अज्ञात अपराधी, गुमशुदा व्यक्ति, बालक-बालिका, महिला आदि के साइबर फुट प्रिंट के विश्लेषण कार्य और साक्ष्यों के संकलन वर्गीकरण एवं संधारण में भी विशेषज्ञ के रूप से कार्य प्रशिक्षित करेंगे.
इसके साथ ही महिला अत्याचार से सम्बंधित प्रकरणों के समयबद्ध अनुसंधान के निर्देशों की पालना के लिए कम्पाइलंस ऑफ इटसो को भी अनुसंधान अधिकारियों का सहयोग मिलेगा.
प्रत्येक जिले में होगी क्विक इन्वेस्टीगेशन टीम
जानकारी के अनुसार Quick Investigation Disposal Team प्रत्येक पुलिस जिले में लगाया जाएगा. टीम का प्रभारी एएसपी रखा गया है. सह प्रभारी का काम एक सीआई कार्य करेगा . वहीं प्रत्येक टीम में विशेष तकनीकी योग्यता वाले 3 एसआई 3 हैडकांस्टेबल आठ कांस्टेबल टीम में होगी.
यह टीम चौबीस घंटे सातों दिन काम करेगी. यह टीम सातों दिन चौबीसों घंटे काम करेगी. प्रत्येक टीम में एक एएसपी, एक सीआई्, तीन एसआई, तीन हेड कांस्टेबल, 7 कांस्टेबल, तीन चालक टीम में है. प्रत्येक टीम में 18 पदों की घोषणा की गई . इनके अलावा प्रत्येक टीम पर 33 बोलेरो, मोटर साइकिकल 33 डेस्कटॉप , टेलीफोन व अनय उपकरण विभाग की ओर से दिए गए हैं.
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