Railway Budget 2023: बजट में देश के 500 रेलवे स्टेशनों को नई शक्ल और सुरत देने का एलान किया जा सकता है. इसके अलावा बिजली और डीजल पर निर्भरता कम करने को लेकर भी इस बार रेल मंत्रालय बड़े निर्णय ले सकती है. राजस्थान में स्टेशन के कायाकल्प के लिए प्लान तैयार किया गया है. साल 2024 के अंत तक सूबे के 60 स्टेशन का विकास कार्य तय किया गया है.
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Railway Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट का एलान कर दिया है. जिसमें रेलवे बजट भी शामिल है. केंद्र सरकार ने एक बार फिर रेलवे के बजट में बढ़ोतरी कर दी है. वित्त मंत्री ने बताया कि रेलवे को कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. ऐसे में आम लोग खासकर रेल यात्रियों को और देश के किन स्टेशनों को कायाकल्प होने जा रहा है. आइये जानते है इस एलान के बाद रेलवे की कितनी सुरत बदलेगी और यात्रियों का सफर कितना सुहाना होगा.
इस बार पेश किए गए बजट में देश के 500 रेलवे स्टेशनों को नई शक्ल और सुरत देने का एलान किया जा सकता है. इसके अलावा बिजली और डीजल पर निर्भरता कम करने को लेकर भी इस बार रेल मंत्रालय बड़े निर्णय ले सकती है. एक रिपोर्ट की मानें तो सरकार जल्द ही देश में कुछ शहरों में हाइड्रोजन, बायोफ्यूल और सोलर एनर्जी से चलने वाली ट्रेनों का संचालन वित्त वर्ष 2023 के अंत तक शुरू कर सकती है. देश में रेल पटरियों पर 100 फीसदी इलेक्ट्रिफाइड करने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए. इसके लिए रेलवे की पटरियों के नवीकरण में 17297 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
माना जा रहा है कि निजी भागीदारी के तहत बनने वाली सभी ट्रेनों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत होगी. जिससे देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके साथ ही ट्रेनों का रखरखाव, साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. निजी क्षेत्र की भागीदारी से इन ट्रेनों की साफ सफाई बेहतर होगी. निजी क्षेत्र की भागीदारी से ट्रेनों का परिचालन भी सुधरेगी.
राजस्थान में स्टेशन के कायाकल्प के लिए प्लान तैयार किया गया है. साल 2024 के अंत तक सूबे के 60 स्टेशन का विकास कार्य तय किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे ने पूरे राजस्थान में 60 रेलवे स्टेशनों की पहचान की है, जिन्हें 2024 के मध्य तक अमृत भारत योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों का मास्टर प्लान तैयार करना और यात्रियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाना है. सभी श्रेणी के स्टेशनों पर हाई लेवल प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे. रेलवे परिसर के सड़कों को चौड़ाीकरण करके, स्टेशनों की डिजाइन और अन्य सुविधाओं में सुधार करके वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जाएगा.
कोटा रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाए जाऐंगे. इस रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर शक्ल दी जाएगी. यात्रियों की सुविधाओं के लिए पार्किंग, दिव्यांग के लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान, सूचना प्रदर्शन प्रणाली, यात्री घोषणा प्रणाली, सीसीटीवी प्रणाली, कोच इंडिकेशन, ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड सहित कई तरह के विकास कार्य यहां पर किए जाएंगे. इसी के साथ यहां ऐसी व्यवस्था की जाएगी जहां ऐसी होगी कि नजरें ठहर जाएंगी. आने वाले 30 महीनों के अंदर कोटा का रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास रूप में नजर आएगा. यहां अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ आकर्षक लुक भी होगा जो आने वाले यात्रियों के मन को प्रसन्न कर देगा. वहीं बात करें गांधीनगर रेलवे स्टेशन की तो इस स्टेशन का कायाकल्प एमपी के रानी कमलापति के तर्ज पर किया जा रहा है. ये तस्वीरें नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता व जनता को विश्वस्तरीय सुविधाएँ देने के उनके संकल्प को दर्शाती हैं.
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अधिकारियों ने कहा कि यात्री सुविधाओं में वेटिंग रूम को विकलांगों के अनुकूल बनाना, प्लेटफार्मों पर बैठने की व्यवस्था, पार्किंग क्षेत्र का विस्तार और लिफ्ट स्थापित करना शामिल होगा. जयपुर मंडल में सीकर, अलवर, बांदीकुई, रींगस, दौसा, जोबनेर, झुंझुनू सहित अन्य रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा.
अजमेर मंडल में ब्यावर, मारवाड़ जंक्शन, सोमेसर, भीलवाड़ा, पिंडवाड़ा, डूंग अरपुर, फालना और कुछ अन्य स्टेशनों का चयन किया गया है. बीकानेर मंडल में चयनित स्टेशनों में लालगढ़, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, सिरसा, हिसार, भिवानी, चूरू, सादुलपुर शामिल हैं. जोधपुर जोन में नगौर, नोखा, बाड़मेर, मेड़ता रोड, दीवाना, फलोदी जैसे स्टेशनों का चयन किया गया है.