Rajasthan High Court: रिटायरमेंट से 12 साल तक और मौत के बाद विधवा पत्नी को पेंशन न देने के मामले में प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल पहले कृषि विभाग से रिटायर कर्मचारी के पेंशन के इंतजार में मौत और बाद में उसकी विधवा को भी पेंशन जारी नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कृषि सचिव, कृषि विपणन बोर्ड निदेशक और हनुमानगढ़ कृषि उपज मंडी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश रुक्मा देवी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि इतनी लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक पेंशन जारी क्यों नहीं की गई है.
12 साल तक नहीं मिला पेंशन, हुई मौत
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति लल्लूराम वर्ष 1974 में कृषि विभाग में क्लर्क के तौर पर नियुक्त हुए थे. उन्हें समय-समय पर पदोन्नति मिलने के बाद वे दिसंबर, 2010 में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर पद से रिटायर हो गए. इसके बाद विभाग ने नो ड्यूज और विभागीय जांच लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. इसके बावजूद भी उन्हें पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए. इसके बाद अगस्त, 2022 में पेंशन सहित अन्य परिलाभों का इंतजार करते-करते उनकी मौत हो गई.
संबंधित अधिकारियों से कोर्ट ने मांगा जवाब
वहीं, लल्लूराम की मौत के बाद विधवा याचिकाकर्ता ने विभाग को पेंशन के आधार पर गणना कर फैमिली पेंशन जारी करने की गुहार की. इसके बावजूद भी विभाग ने अब तक उनकी पेंशन जारी नहीं की. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की 70 साल की उम्र है. पेंशन के अभाव में उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड रहा है. इसलिए उसे पेंशन सहित अब तक का बकाया और समस्त परिलाभ दिलाया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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