Rajasthan JJM Scam : राजस्थान के जल जीवन मिशन में अभी पदमचंद के घोटालों के और राज खुलेंगे. जेजेएम में 900 करोड़ के भ्रष्टाचार की जांच के लिए राज्य सरकार ने 3 कमेटियां गठित की है. यानी अब श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म की और मुश्किलें बढेगी.
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Rajasthan JJM Scam Case : जल जीवन मिशन में अभी पदमचंद के घोटालों के और राज खुलेंगे. जेजेएम में 900 करोड़ के भ्रष्टाचार की जांच के लिए राज्य सरकार ने 3 कमेटियां गठित की है. यानी अब श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म की और मुश्किलें बढेगी, लेकिन सवाल ये है कि 1 साल से जांच पर ही पूरी पिक्चर घूम रही है.
श्री श्याम-गणपति की मुश्किलें बढ़ी
राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन में घोटालों की परते उखाड़ना शुरू कर दिया है.जेजेएम घोटाले के मास्टरमाइंड श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के मालिक पदमचंद और महेश मित्तल की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार सभी कार्यों की जांच करवा रही है. सरकार ने प्रदेशभर में दोनों फर्मों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है.जल जीवन मिशन में इरकॉन के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर दोनों फर्मों ने जमकर लूट मचाई थी. पूरे मामले में ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत इंजीनियर्स के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
ये कमेटियां बनाई
राज्य सरकार ने तीन कमेटियां बनाई है. पहली कमेटी अलवर में कार्यों की जांच के लिए एडिशनल चीफ इंजीनियर-1 हुकुमचंद वर्मा को चेयरमैन बनाया. दूसरी कमेटी जयपुर के लिए बनाई गई, जिसमें एडिशनल चीफ इंजीनियर अलवर एनसीआर की अध्यक्षता में जांच होगी. वहीं दौसा, सीकर, झुन्झुनू के लिए जयपुर अतिरिक्त मुख्य अभियंता 2 अमिताभ शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी जांच करेगी. जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी किए है.पूरे मामले की रिपोर्ट 15 दिन में राज्य सरकार को सौंपनी है.
ऐसे में अब दोनों फर्मों के जल जीवन मिशन में और अधिक खुलासे हो सकते है. क्योंकि माना जा रहा है दोनों फर्मों ने दूसरे अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर और अधिक फर्जीवाड़ा किए है.लेकिन बड़े सवाल ये कि आखिरकार फर्मो की जांच हो गई, तो फिर जांच पर जांच क्यो हो रही, क्योंकि फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच तो हो गई, अब जिम्मेदारों पर आंच कब आएगी ?