Rajasthan Political Crisis Full Story : राजस्थान में पिछले 36 घंटे में कांग्रेस की राजनीति ऐसी बदली. कि राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी की प्लानिंग बिगड़ गई. कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव का गणित गड़बड़ा गया. यहां पढ़िए उन 36 घंटों की पूरी स्टोरी.
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Rajasthan Political Crisis Full Story : राजस्थान में पिछले 24 घंटे में राजनीति पूरी तरह से बदल गई. अशोक गहलोत गुट ने आलाकमान को बड़ा झटका दिया. कांग्रेस अध्यक्ष पद का गणित बदल गया. तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की रणनीति धरी रह गई. रविवार सुबह से लेकर सोमवार शाम अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की सोनिया गांधी से मुलाकात तक करीब 36 घंटे में राजस्थान कांग्रेस की राजनीति कैसे बदल गई. इसे सिलसिलेवार तरीके से समझिए.
रविवार सुबह का समय. अशोक गहलोत जयपुर में थे. और सचिन पायलट दिल्ली में थे. कांग्रेस के सभी विधायकों को ये सूचना पहुंच चुकी थी कि रविवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. अशोक गहलोत सुबह करीब 11 बजे जयपुर से जैसलमेर के लिए रवाना हुए. करीब इसी समय मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर पहुंचे. इधर सचिन पायलट भी दिल्ली से इस बैठक में भाग लेने जयपुर रवाना हुए. अशोक गहलोत जैसलमेर में तनोट माता मंदिर के दर्शन कर शाम 5 बजे तक जयपुर लौटे तो वहीं करीब 4 बजे तक सचिन पायलट भी दिल्ली से जयपुर पहुंच गए.
इसी बीच दोपहर करीब 2 बजे ये खबर सामने आने लगी. कि कांग्रेस के मंत्री और विधायक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर जुट रहे है. इधर सचिन पायलट समर्थक कई विधायक भी सचिन पायलट से मिलने पहुंचे. शांति धारीवाल के घर के अंदर टेंट लगने शुरु हुए. धीरे धीरे गाड़ियां घर के अंदर जाने लगी. कुछ देर में ये खबर निकलकर आई. कि शाम 7 बजे होने वाली विधायक की बैठक से पहले शांति धारीवाल के आवास पर अशोक गहलोत गुट के विधायकों और मंत्रियों की बैठक होगी. जिसमें ये बैठक का एजेंडा तय किया जाएगा.
जब मंत्री और विधायक शांति धारीवाल के आवास पर पहुंच रहे थे. तब भी वे बेहद सधा हुआ बयान दे रहे थे. शिव विधायक अमीन खान ने कहा. मैं अपने काम से आया हूं. किसी मीटिंग में नहीं आया हूं. जो होगा वो अच्छा होगा. मैं तो सचिन पायलट से मिला हूं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिला हूं. तो वहीं नागराज मीणा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान जो फैसला लेगा वो हमें मंजूर है. इधर सचिन पायलट के आवास पर भी मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर, वेद प्रकाश सोलंकी समेत कई विधायकों का आना जाना बना रहा
शाम करीब 5 बजे सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए हमारा नाम अशोक गहलोत है. उसके अलावा कोई स्वीकार नहीं है. किसी और के नाम पर सहमति बनी तो निर्दलीय विधायक समर्थन नहीं देंगे और राजस्थान सरकार संकट में आ सकती है. संयम लोढ़ा के बयान से पहले सब कुछ सही दिशा में जाता हुआ नजर आ रहा था. लेकिन इस बयान ने सियासी पारा बढ़ा दिया.
शाम साढ़े 5 बजे तक शांति धारीवाल के आवास पर 22 विधायक पहुंच चुके थे. शांति धारीवाल के आवास के बाहर एक बस आकर खड़ी हो गई. पहले बताया गया कि यहां विधायक और मंत्री अपनी रणनीति बनाएंगे. और फिर यहीं से बस में सवार होकर सभी मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक में जाएंगे. इसे एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया. लेकिन किसी को इस बात की भनक नहीं लगी कि शांति धारीवाल के आवास के भीतर क्या रणनीति बन रही है
शाम 6 बजे तक जब शांति धारीवाल के आवास पर जुटने वाले विधायकों की संख्या बढ़ने लगी. तो शायद आलाकमान की ओर से भेजे गए ऑब्जर्वर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे तक भी कोई खबर पहुंच गई होगी. लिहाजा 6 बजे सूचना मिली कि विधायक दल की बैठक का समय 7 बजे से बदलकर साढ़े 7 बजे किया गया.
जयपुर में शाम 6 बजे के करीब प्रतापसिंह खाचरियावास ने ऑब्जर्वर से होटल मैरियट में मुलाकात की. इसके कुछ ही देर में ये खबर सामने आई कि शांति धारीवाल के आवास पर मौजूद सभी विधायक एक प्रस्ताव पास कर सकते है. जिसमें अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखने का फैसला होगा. साढ़े 6 बजे तक शांति धारीवाल के आवास पर करीब 60 विधायक पहुंच चुके थे.
विधायक दीपचंद खेरिया, जेपी चंदेलिया, नगराज मीणा, संयम लोढ़ा, लक्ष्मण मीणा, अर्जुन बामणिया, महेंद्रजीत मालवीय, विनोद चौधरी , चेतन डूडी , रफीक खान, आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा, दानिश अबरार, पदमाराम मेघवाल, अमीन खान, मंजू मेघवाल, महेंद्र विश्नोई, बाबु लाल नागर, अमित चाचान, गंगा देवी, प्रीति शक्तावत, महादेव सिंह खंडेला, राजेन्द्र पारीक, मंत्री सुभाष गर्ग, भंवर सिंह भाटी, महेश जोशी, ममता भूपेश, गोविंद राम मेघवाल, राम लाल जाट, शकुंतला रावत, अशोक चांदना, सालेह मोहम्मद, भजन लाल जाटव, बी.डी कल्ला, महेंद्र चौधरी, कांति मीणा, रामलाल जाट, मंत्री उदयलाल आंजना, मंत्री लाल चंद कटारिया, मंत्री टीकाराम जुली समेत करीब 60 विधायक वहां पहुंचे.
शाम करीब पौने 7 बजे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी शांति धारीवाल के आवास के सामने पहुंचे. यहां मीडिया से बात की और वापिस लौट आए. गुढ़ा ने कहा- मैं इस बैठक में नहीं जा रहा. इसके अंदर 102 विधायक नहीं है. मतलब बहुमत यहां नहीं है. मैं इस बैठक में नहीं जा रहा. इस बैठक का हिस्सा नहीं हूं मैं. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी है तभी ये विधायक है. अपने नाम पर इनमें से कोई सरपंच भी नहीं बन पाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सवा 7 बजे होटल मैरियट पहुंचे. जहां पहले से मौजूद पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा ने उनका स्वागत किया. अशोक गहलोत करीब 20 मिनट तक होटल में रुके. उसके बाद अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़के भी गहलोत के साथ ही वहां से रवाना हुए और CMR पहुंचे जहां विधायक दल की बैठक होनी थी. उधर सचिन पायलट भी अपने आवास से रवाना होकर मुख्यमंत्री आवास CMR पहुंचे.
सचिन पायलट 8 बजे के करीब मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे. उधर इसी समय शांति धारीवाल के घर जुटे विधायकों की बैठक भी शुरु हो गई. मुख्यमंत्री निवास पर मौजूद अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे इन विधायकों का इंतजार करते रहे. लेकिन इधर अलग से बैठक चलती रही.
करीब 9 बजे शांति धारीवाल के आवास पर मौजूद लोगों ने ये दावा किया कि 80 से ज्यादा विधायक वहां मौजूद है. सभी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. और बस से सवार होकर सब एक साथ स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा देने जाएंगे. साढ़े 9 बजे सभी विधायक विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर पहुंचे.
आलाकमान की ओर से भेजे गए ऑब्जर्वर करीब सवा घंटे मुख्यमंत्री निवास पर इन विधायकों का इंतजार करते रहे. लेकिन विधायक इस्तीफे लेकर स्पीकर सीपी जोशी के आवास पहुंच गए. इसी बीच दिल्ली से आलाकमान का प्रभारी अजय माकन के पास फोन पहुंचा. इसके बाद बैठक रद्द की गई. खबर मिली कि आलाकमान ने आज रात में ही पूरा मामला सुलझाने के निर्देश दिए. और अगले दिन दोनों ऑब्जर्वर को दिल्ली आने को कहा.
रात करीब 1 बजे तक ऑब्जर्वर अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा सचिन पायलट समेत कई विधायक भी CMR में बैठे रहे. सीपी जोशी के घर मौजूद विधायकों के प्रतिनिधि के रुप में महेश जोशी, प्रतापसिंह खाचरियावास ने जाकर ऑब्जर्वर से बात की. उनके सामने रात में ही तीन शर्तें रखी गई.
पहली शर्त ये रखी गई कि सभी विधायकों से एक एक साथ फीडबैक लिया जाए. जबकि ऑब्जर्वर चाहते थे कि एक एक विधायक से वन टू वन किया जाए. दूसरी शर्त ये रखी कि मुख्यमंत्री का फैसला 19 अक्टूबर के बाद लिया जाए. तीसरी शर्त ये रखी कि जो 102 विधायक 2020 के सियासी संकट के समय सरकार बचाने में थे. उनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाए.
देर रात होते होते ये स्पष्ट हो चुका था कि ये पूरी रणनीति सचिन पायलट को रोकने के लिए है. कुछ देर के लिए सीपी जोशी का नाम चलाया गया. कहा गया कि अगर किसी के नाम पर सहमति नहीं बनती है. तो सीपी जोशी को मुख्यमंत्री बनाया जाए. बताया गया कि सीपी जोशी के नाम पर सभी विधायक एकजुट रह सकते है. लेकिन रात होते होते सीपी जोशी का नाम कयासों तक ही सीमित रहा.
पर्यवेक्षकों की तरफ से सुबह एक बार फिर सभी विधायकों को संदेश भेजा गया. कि वो आकर मिले. एक एक विधायक से फीडबैक लिया जाएगा. भरोसा दिया गया कि आपकी जो भी भावनाएं होगी उसके बारे में आलाकमान को अवगत कराया जाएगा. लेकिन इन विधायकों का गुट इस पर अड़ा रहा. कि सभी विधायकों से सामूहिक चर्चा हो. जो प्रस्ताव पास हो उसमें हमारी तीनों शर्तों को शामिल किया जाए.
सोमवार दोपहर करीब 1 बजे तक इंतजार करने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दिल्ली रवाना हो गए. जाते जाते माकन सख्त संदेश दे गए. बोले- ये अनुशासनहीनता है. कांग्रेस के इतिहास में हमेशा एक लाइन का प्रस्ताव ही पास होता है. इस तरह की शर्तें नहीं रखी जा सकती. हम एक एक विधायक से मिलना चाहते थे. लेकिन कहा गया कि सब एक साथ मिलेंगे. ऐसा नहीं हो सकता.
सोमवार शाम 4 बजे दिल्ली पहुंचे अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान के हालातों पर सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी. सोनिया गांधी के साथ करीब 2 घंटे बैठक चली. सोनिया गांधी ने इन दोनों नेताओं से लिखित में रिपोर्ट मांगी है. लिखित रिपोर्ट मंगलवार सुबह तक सौंपी जा सकती है. इधर सोमवार शाम करीब 4 बजे ही राजस्थान कांग्रेस के नेता रामेश्वर डूडी ने भी सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की. बताया जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के राजनीति हालातों के हिसाब से ये बैठक अहम थी. इधर कयासों के बावजूद सोमवार शाम तक सचिन पायलट और अशोक गहलोत दिल्ली नहीं पहुंचे है.