मनरेगा में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित हो—विशेषयोग्यजन न्यायालय
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मनरेगा में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित हो—विशेषयोग्यजन न्यायालय

जयपुर के विशेष योग्यजन न्यायालय आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने दिव्यांगजनों के लिए बडा निर्णय लिया है. न्यायालय ने मनरेगा में विशेषयोगयजनों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, पंचायतीराज विभाग को आदेश दिए हैं कि वे प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजे.

  • विभाग ने अपने जवाब में यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में दिव्यांगों के कल्याण हेतु राज्य मद से 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है. 

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Jaipur: जयपुर के विशेष योग्यजन न्यायालय आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने दिव्यांगजनों के लिए बडा निर्णय लिया है. न्यायालय ने मनरेगा में विशेषयोगयजनों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, पंचायतीराज विभाग को आदेश दिए हैं कि वे प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजे. इसके साथ ही इन्हें बाधा रहित अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिव्यांगजन के लिए अनुकूल तंत्र विकसित करें. न्यायालय ने यह आदेश डिसेबिलिटी राइट्स एक्टिविस्ट हेमंत भाई गोयल कि ओर से दायर परिवाद को निस्तारित करते हुए दिए हैं. गोयल ने परिवाद में दिव्यांग जनों को नरेगा योजना में कार्य नियोजन में वांछित लक्ष्य निर्धारित करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की गुहार की थी. परिवाद में उल्लेख किया गया था कि वर्तमान में नरेगा योजना में दिव्यांग जनों को रोजगार में आरक्षण का प्रावधान नहीं हैंं, जिससे इस योजना में दिव्यांग जनों को रोजगार के समुचित अवसर नहीं मिलते हैं. उक्त परिवाद में ग्रामीण विकास विभाग को सम्मन भी जारी किया गया जिसके बाद  विभाग ने न्यायालय को अवगत कराया कि यह सही है कि दिव्यांग जनों को नरेगा योजना में आरक्षण का प्रावधान नहीं हैं, लेकिन उक्त अधिनियम में संशोधन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है. नरेगा केन्द्रीय अधिनियम होने के कारण इसमें संशोधन ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के स्तर पर किया जा सकता है. विभाग ने अपने जवाब में यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में दिव्यांगों के कल्याण हेतु राज्य मद से 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है. 

न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 में दिव्यांगों को कार्य नियोजन में लक्ष्य निर्धारण के संबंध में कोई प्रावधान नहीं होने तथा केंद्र सरकार द्वारा इस विषय में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं होने पर, आदेश दिया जाता है कि इस वर्ग के हित, कल्याण एवं स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए नरेगा योजना में दिव्यांगों को बाधा रहित अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, दिव्यांगजन के लिए अनुकूल तंत्र विकसित करें और लक्ष्य निर्धारण के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाएं.

Reporter - Ashish Chouhan

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