राज्य सरकार ने एसोसिएशट ऑफिसर के पद पर कमीशन के लिए लाखों रुपए खर्च कर अपीलार्थी की विशेष ट्रेनिंग कराई.
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Jaipur : राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने स्कूल व्याख्याता और एनसीसी के एसोसिएट अफसर का तबादला करने और कार्य मुक्त करने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अधिकरण ने प्रमुख शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
अधिकरण ने सदस्य एनएम काला और शुचि शर्मा ने ये आदेश भौतिक विज्ञान के व्याख्याता बेनी प्रसाद सोनी की अपील पर दिए. अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी टोंक के एक स्कूल में व्याख्याता लगा हुआ है.
राज्य सरकार ने एसोसिएशट ऑफिसर के पद पर कमीशन के लिए लाखों रुपए खर्च कर अपीलार्थी की विशेष ट्रेनिंग कराई. ट्रेनिंग का उद्देश्य था कि याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता के साथ-साथ स्कूल में एनसीसी लेने वाले विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षित कर सके.
इसके बावजूद ट्रेनिंग के बाद में शिक्षा निदेशक ने उसका तबादला भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर ब्लॉक में ऐसे स्कूल में कर दिया जहां एनसीसी ही नहीं है, जबकि राज्य सरकार के नियमों के तहत एनसीसी अफसर का तबादला सामान्य स्कूल में नहीं किया जा सकता. अपीलार्थी की ओर से संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में लिखित परिवेदना भी पेश की गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अपील में कहा गया कि जहाजपुर की स्कूल में एनसीसी की सुविधा नहीं होने से याचिकाकर्ता की ट्रेनिंग पर राज्य सरकार की ओर से किया गया. लाखों रुपए का खर्च व्यर्थ हो गया और उसकी ट्रेनिंग का लाभ किसी विद्यार्थी को भी नहीं मिल रहा. ऐसे में उसके तबादला आदेश और कार्य मुक्त करने के आदेशों को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश और कार्य मुक्ति के आदेशों पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
रिपोर्टर- महेश पारीक