karauli news: उत्तर भारत के प्रसिद्ध आस्था धाम कैलादेवी में 19 मार्च से शुरू होने वाले कैलामाता के चैत्र लक्खी मेले मे पद यात्रियों का आना शुरू हो गया है. मेले में आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई गई है. जिसके लिए पद यात्रियों की सुविधाओं के लिए हिण्डौन में कई जगह दर्जनों भंडारे लगाए गए है.
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karauli news: उत्तर भारत के प्रसिद्ध आस्था धाम कैलादेवी में 19 मार्च से शुरू होने वाले कैलामाता के चैत्र लक्खी मेले मे पद यात्रियों का आना शुरू हो गया है. हिण्डौन - करौली मार्ग पर कई किलोमीटर तक पदयात्री नजर आने लगे है. पद यात्री कतार के साथ डीजे पर गूंजते लांगुरिया और भजनों के बीच नाचते-गाते और जयकारे लगाते माता के दरबार की ओर आगे बढ़ रहे हैं. पदयात्रियों के आने का यह सिलसिला अमावस्या तक जारी रहेगा. आगामी दो दिनों में पद यात्रियों की संख्या में काफी इजाफा होने की आसंका जताई जा रही है.
पदयात्री कम होने के बाद माता के मेले में वाहनों से आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा. पद यात्रियों की सुविधाओं के लिए हिण्डौन में कई जगह दर्जनों भंडारे लगाए गए है. जहां श्रद्धालुओं के लिए तरह-तरह के पकवान पंगत और बुफे में मिन्नत कर भोजन परोसे जा रहे हैं. साथ ही श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.
पदयात्रियों की लगातार आवक से करौली-कैलादेवी मार्ग जयकारों और लांगुरिया गीतों से गुंजायमान हो रहा है. वाहनों में माता का दरबार सजाकर और डीजे पर बजते भजन-लांगुरियों के बीच श्रद्धालु नाचते-गाते आगे बढ़ रहे हैं. सैंकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर श्रद्धालु माता के दरस को कैलादेवी पहुंच रहे हैं. कोई परिवार रिक्शा से बच्चों को बिठाकर माता के दरबार में जा रहा है तो कोई बच्चों को कंधे पर बिठाकर तो कोई अपने वृद्ध परिजन को व्हीलचेयर से लेकर आस्थाधाम की ओर बढ़ रहा है.
उधर करौली-हिण्डौन मार्ग स्थित पांचना बांध पर स्नान के लिए पदयात्रियों के ठहरने से वहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नजर आते हैं, जहां से वे पहाड़ी पर स्थित अंजनी माता के दर्शन कर आगे बढ़ रहे हैं.
दूसरी ओर पदयात्रा कर कैलामाता के दरबार में पहुंच रहे भक्तों के लिए रास्ते में जगह-जगह भण्डारे लगे हैं. धार्मिक-सामाजिक संगठनों और व्यक्तिगत रूप से लोग पदयात्रियों की आवभगत और सेवा में जुटे हैं. कहीं भोजन कराया जा रहा है तो कहीं नाश्ता, पेयजल दिया जा रहा है. विश्राम स्थल और चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं.