नागौर के महिपाल ने आईपीएल में कमाया नाम, अब राजनीति के चलते खेल प्रतिभाएं दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर
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नागौर के महिपाल ने आईपीएल में कमाया नाम, अब राजनीति के चलते खेल प्रतिभाएं दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर

राजस्थान के नागौर में आईपीएल में नाम कमा चुके महिपाल के अलावा कई ऐसी प्रतिभाएं हैं जिनको मौके का इंतजार है, लेकिन किस्मत का साथ नहीं मिल रहा. धनंजय सिंह खींवसर के मुताबिक राजनीति के चलते प्रतिभाओं को अब दूसरे राज्यों में खेलना पड़ रहा है.

नागौर के महिपाल ने आईपीएल में कमाया नाम, अब राजनीति के चलते खेल प्रतिभाएं दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर

Khinvsar News : नागौर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और भाजपा नेता धनंजय सिंह खींवसर के मुताबिक आज हर खेल में इतना अधिक राजनीतिक प्रभाव है कि चयन के लिए होने वाली ट्रायल में पूरी तरह से भ्रष्टाचार हावी है. प्रतिभाओं को दरकिनार कर सिफारिश के आधार पर चयन किया जाता है. नागौर जिले के चावंडिया निवासी राजेश विश्नोई भी इसी तरह की राजनीति का शिकार हुए है.

राजनेताओं की कटपुतली बन चुके राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चयनकर्ताओं ने चयन प्रकिया को पूर्णतया दूषित कर दिया है. राजस्थान में क्रिकेट के विकास को समर्पित संस्थान राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का राजनीतिकरण होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके चलते अच्छी प्रतिभाओं को दरकिनार किया जा रहा है.

राजस्थान छोड़कर दूसरे राज्यों में खेलने को है मजबूर है नागौर की खेल प्रतिभाएं- धनंजय सिंह खींवसर
राजस्थान में उचित सम्मान ना मिलने की वजह से खिलाड़ी दूसरे प्रदेशों से खेलने को मजबूर है. जिसके कारण उनका भविष्य खराब हो रहा है ये कहना है नागौर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और भाजपा नेता धनंजय सिंह खींवसर ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन राजनैतिक संस्था के रूप में काम कर रही है.

एसोसिएशन में राजनीति इतनी अधिक हावी है कि यहां प्रतिभाओं को चयन उनकी प्रतिभा के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक रसूखात और आर्थिक क्षमता के आधार पर किया जा रहा है, धनंजय सिंह ने कहा कि एक और नागौर जिले की प्रतिभाएं आईपीएल जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है.

वहीं पिछले 3 वर्षों में नागौर जिले का एक भी खिलाड़ी राज्य स्तर के जूनियर क्रिकेट प्रतियोगिता लिए चयनित नहीं हुआ है, जबकि इससे पहले नागौर जिला क्रिकेट प्रतिभाओं की खान माना जाता था और यहां की टीम कई बार विजेता भी रह चुकी है. उन्होंने कहा कि नागौर जिले की प्रतिभाएं राजनीति के षड्यंत्र का शिकार हो रही है और उन्हें मजबूरन अन्य प्रदेश में जाकर अवसर तलाशने पढ़ रहे हैं.

आज हर खेल में इतना अधिक राजनीतिक प्रभाव है कि चयन के लिए होने वाली ट्रायल में पूरी तरह से भ्रष्टाचार हावी है. प्रतिभाओं को दरकिनार कर सिफारिश के आधार पर चयन किया जाता है. नागौर जिले के चावंडिया निवासी राजेश विश्नोई भी इसी तरह की राजनीति का शिकार हुए है. यहां राजनीति की भेंट चढ़ी उनकी खेल प्रतिभा को अरुणाचल प्रदेश में सम्मान मिला, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की ओर से खिलते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया वहीं इस बार उन्होंने मेघालय की टीम से खेलते हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

खींवसर ने बताया की उन्होंने राजेश विश्नोई को उनकी सफलता पर शुभकामनाएं प्रेषित की, खींवसर ने आरसीए की चयन प्रकिया और चयनकर्ताओं पर द्वेषता का आरोप लगाते हुए कहां की उन्हें बिश्नोई की इस सफलता पर खुशी है, लेकिन उनकी खुशी दोगुनी हो जाती यदि राजेश राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते, लेकिन आरसीए ने उत्कृष्ट प्रतिभा का गला घोंटा दिया, बिश्नोई अब तक इस प्रतियोगिता में 10 विकेट ले चुके हैं और देश में हाईएस्ट विकेट टेकिंग में छठे स्थान पर है.

उन्होंने कहा कि खेल और राजनीति दोनों अलग-अलग मंच है और बेहतरीन खिलाड़ी को उसकी प्रतिभा के अनुरूप अवसर मिलना चाहिए, लेकिन स्वार्थ के चलते राजनीति और खेल को एक ही मंच पर ला दिया है और इस कारण खेलों के क्षेत्र में हमारा जिला लगातार पिछड़ रहा है.

बिश्नोई को शुभकामना देकर भविष्य में सहयोग का विश्वास दिलाया
धनंजय सिंह ने राजेश बिश्नोई को उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन की शुभकामना प्रेषित और भविष्य में हर संभव सहयोग हेतु विश्वास दिलाया उन्होंने खींवसर में बन रही अंतराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी के बारे में बताते हुए राजेश बिश्नोई को यहां नई खेल प्रतिभाओं को तराशने का निवेदन किया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए यहां समय देने का वादा किया.

भ्रष्टाचार की खान है आरसीए - नांदू
नागौर क्रिकेट एसोइएशन के सचिव आर एस नांदू ने आरसीए को भ्रष्टाचार की खान बताते हुए खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया, क्रिकेट में नागौर और राजस्थान का पिछड़ने का मुख्य कारण वर्तमान आरसीए की कमाना संभाले हुए लोग है जो राजनेताओं की कटपुतली बन चुके है.

रिपोर्टर- दामोदर ईनाणियां 

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