Tonk: कोई जबरदस्ती शारीरिक रिश्ता बनाने की करे कोशिश या करे यौन शोषण, तो क्या उठाए कदम बच्चों को दी सीख
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Tonk: कोई जबरदस्ती शारीरिक रिश्ता बनाने की या यौन शोषण कोशिश करने की कोशिश करे, तो क्या कदम उठाए जाए. इसे लेकर टोंक के निवाई में बच्चों को सीख दी गई. राजस्थान राज्य महिला नीति के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम संयोजक डॉ.मीनाक्षी बघेल ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एडवोकेट सरोज अग्रवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय संसद ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से निवारण हेतु उक्त अधिनियम को पारित किया गया. जिसे लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 है.
इस अधिनियम के अंतर्गत यौनिक प्रताड़ना के तहत कोई एक या अनेक स्वीकार्य कार्य या व्यवहार शामिल है. चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से हो या उसकी मंशा हो. शारीरिक संपर्क या उसका प्रयास करना, यौनिक रिश्ते का प्रयास या मांग करना और यौनिक शब्दों वाली बातें या टिप्पणी करना, अन्य कोई ऐसा शारीरिक व मौखिक इशारे आदि में ऐसा व्यवहार या आचरण जो यौनिक प्रकृति का हो और अस्वीकार्य हो.
यह सभी बातें यौन प्रताड़ना में शामिल है. इस अधिनियम के तहत किसी भी महिला का किसी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न नहीं होगा. इस अधिनियम पर एडवोकेट सरोज ने विस्तृत विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी. इसके अतिरिक्त दहेज विरोधी कानून के बारे में भी सविस्तार समझाया.
एडवोकेट अग्रवाल ने पुत्रियों का संपत्ति में अधिकार के बारे में छात्राओं को सचेत रहने की बात कही. संपत्ति पर बेटी के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने मजबूती प्रदान की है. किसी भी व्यक्ति की बिना वसीयत के मौत हो जाती है.तो भी उसकी संपत्ति पर बेटी का अधिकार ज्यादा बनता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. उषा बागड़ी ने की. कार्यक्रम में महिला उत्पीड़न समिति की संयोजक डॉ.मंजूलता शर्मा, सह संयोजक डॉ.प्रभा गुप्ता, डॉ.सोना अग्रवाल सहित सभी संकाय उपस्थित रहे.
Reporter- Purushottam Joshi
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