Muslim education: स्कूल की किताबों से बाबरी मस्जिद (removal of Babri Masjid reference from Books) का जिक्र हटाने से भड़के असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर आरोप लगाया तो शिक्षामंत्री ने आंकड़ों के हवाले उन्हें अल्पसंख्यकों को गुमराह नहीं करने की हिदायत दी है.
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Muslim childs Education rate: एनसीईआरटी किताबों (NCERT books) से बाबरी मस्जिद का संदर्भ हटाने (removal of Babri Masjid reference) से भड़के ओवैसी ने सरकार पर हमला किया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, 'क्या हमारे बच्चों को गुजरात नरसंहार, अल्पसंख्यक मुसलमानों के नरसंहार के बारे में नहीं बताया जाना चाहिए'? दरअसल NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) ने बाबरी मस्जिद और 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ हटा दिए हैं. ऐसे में ओवैसी कह रहे हैं कि लोगों को अतीत की गलतियों से क्यों नहीं सीखना चाहिए?
मुसलमानों को डराना बंद करे ओवैसी: शिक्षा मंत्री प्रधान
ओवैसी ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, 'सरकार की नीतियों और मुसलमानों के निरंतर शिक्षा पिछड़ेपन के बीच सीधा संबंध निकाला जा सकता है. मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. उच्च शिक्षा हो या प्राइमरी की बुनियादी स्कूली शिक्षा मुसलमान दोनों वर्गों में शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं. लेकिन सरकारी उदासीनता और लापरवाही के कारण मुस्लिम बच्चे देश की एजुकेशनल प्रणाली को किसी भी अन्य समुदाय के बच्चों की तुलना में जल्दी छोड़ देते हैं'.
इन आरोपों पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में पलटवार किया है. प्रधान ने कहा- ओवैसी मुसलामानों को गुमराह कर रहे हैं.
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सकारात्मक नतीजों की अनदेखी क्यों करते हैं ओवैसी?
अपने जवाब में शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा- 'मेरे मित्र ओवैसी कह रहे थे कि मुस्लिम बच्चियों के पढ़ने की संख्या घटी है. ये एकदम भ्रामक और झूठा बयान है, जो तथ्यों से परे है. इन आंकड़ों को जिनके बारे में मैं अब बताने जा रहा हूं उससे वो भी इनकार नहीं कर सकते. सांसद ओवैसी से अपील है कि वो मुस्लिम समाज को डराने का काम ना करें. UDISE रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइमरी और अपर प्राइमरी (कक्षा 5 से कक्षा 6 के ट्रांजीशन) में मुस्लिम बच्चियों का औसत (89.3) राष्ट्रीय औसत (93.2) के नज़दीक है. वहीं अपर प्राइमरी से सेकेंडरी और सेकेंडरी से हायर सेकेंडरी में भी मुस्लिम बच्चियों की औसत राष्ट्रीय औसत के नज़दीक है. ये भी कहा गया कि हम मुस्लिम समुदाय को भेदभाव की नज़र से देखते हैं. AMU का गठन 1875 में हुआ. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी @narendramodi के फैसले के कारण ही पहली बार AMU में कोई महिला VC नियुक्त हुईं. उनका नाम प्रोफेसर नईमा ख़ातून है. मोदी सरकार ने भेदभाव नहीं योग्यता के आधार पर ही AMU में ही पढ़ी मुस्लिम महिला को VC नियुक्त किया है.'
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अब इन आंकड़ों पर ओवैसी को कुछ कहना होता तो बेहद पढ़े-लिखे स्कॉलर नेता फौरन जवाब देते. इस हिसाब से ये सब कुछ ऐसे तथ्य थे जिनका जवाब ओवैसी के पास भी नहीं था.