सेंगोल पर SP-RJD ने काटा बवाल, BJP का पलटवार लेकिन कांग्रेस ने क्यों साध रखी है चुप्पी?
Advertisement
trendingNow12311399

सेंगोल पर SP-RJD ने काटा बवाल, BJP का पलटवार लेकिन कांग्रेस ने क्यों साध रखी है चुप्पी?

Sengol News: सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 28 मई को नई संसद में स्थापित किया था. तमिलनाडु के अधीनम मठ के 20 महंतों ने पूरे विधि-विधान से इसकी स्थापना करवाई थी. सेंगोल स्थापना के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ये सिर्फ़ सत्ता का नहीं, बल्कि एक राजा के न्यायप्रिय और जनता के प्रति समर्पित होने का प्रतीक रहा है. 

Trending Photos

सेंगोल पर SP-RJD ने काटा बवाल, BJP का पलटवार लेकिन कांग्रेस ने क्यों साध रखी है चुप्पी?

History of Sengol: इस वक्त विपक्ष संसद में फ्रंटफुट पर खेलने के मूड में दिख रहा है. पहले दिन उसने मुद्दा बनाया कि संविधान अब भी खतरे में है. दूसरे दिन सरकार ने भी उसे इमरजेंसी याद दिला दी. अब फिर विपक्ष ने हमला किया है. और इस बार उसका हथियार है राजदंड..यानी सेंगोल.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने अभिभाषण के लिए संसद भवन पहुंचीं तो उनके स्वागत के प्रोटोकॉल में सेंगोल भी शामिल था. लोकसभा का एक सीनियर मार्शल राष्ट्रपति के आगे-आगे सेंगोल लेकर चल रहा था. राष्ट्रपति के आसन ग्रहण करने के बाद सेंगोल को वापस उसकी जगह पर स्थापित कर दिया गया.  उसी जगह और उसी कांच के फ्रेम में, जहां दो दिन से हर सांसद की शपथ के वक्त बैकग्राउंड में आप इसे देख रहे थे.

फूंक-फूंककर कदम रख रही कांग्रेस

लेकिन अब सेंगोल विपक्षी दलों को खटक रहा है. वो इसे संसद में नहीं देखना चाहते. लेकिन कांग्रेस इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है. जबकि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल खुलकर खेल रहे हैं. दरअसल सेंगोल का नाता दक्षिण भारत से है, जहां कांग्रेस अपने पांव और मजबूत करने के सपने देख रही है. लिहाजा अब तक शायद ही किसी कांग्रेस नेता की ओर से सेंगोल पर कोई बयान दिया गया हो. 

वहीं यूपी के समाजवादी सांसद आरके चौधरी ने शपथ के बाद ही स्पीकर को चिट्ठी लिख दी थी कि इसे हटवाएं. आज फिर कहा कि ये राजदंड राजतंत्र का प्रतीक है, संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं है.

इस मामले में अब बीजेपी खुलकर विपक्ष को जवाब दे रही है. संसदीय कार्य राज्यमंत्री एल मुरुगन ने इस मामले पर कहा कि सेंगोल हर तमिलवासी का गौरव है.

तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'महान कवि तिरुवल्लुवर के तिरुकुल में भी लिखा है कि किस तरह सेंगोल ने सरकार में अहम किरदार अदा किया. जब भारत को आजादी मिली थी तब लॉर्ड माउंटबैटन ने जवाहरलाल नेहरू से पूछा था कि किस तरह सत्ता का हस्तांतरण किया जाए. तब सी राजगोपालाचारी से मशविरा लिया गया. उन्होंने बताया था कि सेंगोल का इस्तेमाल कर ऐसा किया जा सकता है.'

कांग्रेस ने साधी है चुप्पी

हालांकि राहुल गांधी ने जब शपथ ली तो उन्होंने जय संविधान का नारा लगाया था. लेकिन कांग्रेस के अन्य नेता इस मामले पर ज्यादा नहीं बोल रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस जानती है कि दक्षिण भारत उसके लिए कितना अहम है. राहुल गांधी वायनाड से सांसद रह चुके हैं और अब जल्द ही उपचुनावों में उनकी बहन प्रियंका गांधी इस सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगी. वायनाड सीट पर मुस्लिम और ईसाई समुदाय की अच्छी खासी तादाद है. 2019 में जब राहुल गांधी को अमेठी से करारी हार मिली थी, तब दक्षिण भारत के वायनाड ने ही उनकी लाज बचाई थी. इसलिए कांग्रेस किसी भी सूरत में दक्षिण भारत में लोगों को नाराज करना नहीं चाहेगी.

सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 28 मई को नई संसद में स्थापित किया था. तमिलनाडु के अधीनम मठ के 20 महंतों ने पूरे विधि-विधान से इसकी स्थापना करवाई थी.

  • सेंगोल 1947 में अंग्रेज़ों से भारत के सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था।

  • सेंगोल तमिल शब्द 'सेम्मई' से बना है, जिसका अर्थ है नीति के अनुसार शासन.

  • बाद के वर्षों में ये म्यूज़ियम में था, PM मोदी ने इसकी खोज कराई थी.

सेंगोल स्थापना के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ये सिर्फ़ सत्ता का नहीं, बल्कि एक राजा के न्यायप्रिय और जनता के प्रति समर्पित होने का प्रतीक रहा है. विपक्ष अब फिर उन्हीं शब्दों को पकड़कर खींच रहा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी खुद को राजा समझते हैं? इसपर NDA का जवाब है कि विपक्ष संविधान के नाम पर सिर्फ़ नाटक कर रहा है, सेंगोल का विरोध भी यही है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news