Ladakh News: पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले दो सप्ताह से भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
Trending Photos
Sonam Wangchuks Hunger: असली रैंचो कहे जाने वाले सोनम वांगचुक एक बार फिर चर्चा में हैं. वे लद्दाख में भूख हड़ताल पर हैं. उनकी मांग पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की है. वे पर्यावरण कार्यकर्ता भी कहे जाए हैं. जानकारी के मुताबिक अपनी मांग को लेकर उनकी केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत भी हुई थी लेकिन जब यह बातचीत विफल हुई तो उन्होंने छह मार्च से अनशन शुरू कर दिया. अब इस अनशन को लगभग 15 दिन हो गए हैं. इस अनशन पर सरकार के तरफ से अभी तक तो कुछ नहीं कहा गया लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने इस पर बयान दिया है.
असल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विरोध प्रदर्शन को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस केंद्रशासित प्रदेश को लेकर दी गई ‘मोदी की गारंटी’ एक विश्वासघात है तथा यह ‘चीनी गारंटी’ है. खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी की चीनी गारंटी! लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची के तहत जनजातीय समुदायों की सुरक्षा की मांग के पक्ष में समर्थन की एक मजबूत लहर है.
सरकार की मंशा पर उठाए सवाल....
उन्होंने यह भी लिखा कि अन्य सभी गारंटी की तरह- लद्दाख के लोगों को संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने की ‘मोदी की गारंटी’ एक बहुत बड़ा विश्वासघात है. यह नकली और चीनी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लद्दाख के पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हिमालयी ग्लेशियर का दोहन करना चाहती है और अपने करीबी दोस्तों को फायदा पहुंचाना चाहती है. गलवान घाटी में हमारे 20 बहादुरों के बलिदान के बाद पीएम मोदी की चीन को क्लीन चिट ने हमारी रणनीतिक सीमाओं पर चीन की विस्तारवादी प्रकृति को बढ़ावा दिया है.
खरगे ने तो यह भी दावा किया कि एक तरफ, मोदी सरकार ने क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है और दूसरी तरफ, वह लद्दाख के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है.
जयराम ने भी निशाना साधा..
इसके अलावा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी निशाना साधा है. उन्होंने लिखा कि 19 जून, 2020 को चीन पर हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि एक भी चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा है. लेकिन चीन की सेना हमारे जवानों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देपसांग मैदानों तक जाने से रोक रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन की सीमा पर पूर्व की यथास्थिति बहाल करने में विफल रहे हैं.